MBBS की छात्रा अनुष्का के सुसाइड ने पूरे परिवार को जीवन भर नहीं भूलने वाला गम दे दिया है। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार शाम को अनुष्का का शव घर पहुंचा तो परिजनों का विलाप देखकर हर किसी का कलेजा कांप उठा। मां ऊषा, पिता एसपी सिंह और बहन देवांशी रो-रोकर बेसुध हो गए। परिवार वालों का गम देखकर हर कोई यही कह रहा है कि बच्ची ने ये क्या कर दिया। देर शाम श्मशान घाट पर लाडली बेटी को मुखाग्नि दी तो सबकी रुलाई फूट पड़ी। बार-बार यही बोलते रहे…बेटी तूने ये क्या कर दिया। ये देखकर हर किसी की आंख से आंसू बहने लगे। पंचवटी कॉलोनी के सामने डॉ. एसपी सिंह का अनुदेव नर्सिंग होम है। उनकी पत्नी डॉ. उषा भी गायनाकोलॉजिस्ट हैं। बड़ी बेटी अनुष्का सिंह (23) लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में MBBS थर्ड ईयर की छात्रा थीं। परिवार वालों के मुताबिक गुरुवार रात अनुष्का दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में सोने चली गई। खाना भी ठीक से खाया था। उसके हाव-भाव से नहीं लगा कि सुसाइड कर सकती है। शुक्रवार सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आई, तो परिवार के लोग जगाने पहुंचे। देखा, अनुष्का बेड पर औंधे मुंह पड़ी थी। उसकी सांसें थम चुकी थीं। इसके बाद परिजनों ने गंगानगर पुलिस को सूचना दी। कोरियर से मंगाया जहर, कप में डालकर पिया अनुष्का ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड किया। वह डिप्रेशन में थी। पुलिस को मौके से एक आधा लीटर की खाली केन और कप मिला। कोरियर का रेपर मिला। कोरियर से ही जहरीला पदार्थ मंगाया गया था। कप में कुछ हल्का सा जहरीला पदार्थ मिला। अनुष्का ने इसी कप में जहरीला पदार्थ पीकर सुसाइड किया। एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने के कारण विसरा प्रजव किया गया है। सुसाइड नोट से पता चलता है कि अनुष्का डिप्रेशन में थी, जिसके चलते उसने ये कदम उठा लिया। सुसाइड नोट में लिखा, ‘मम्मी-पापा, मैं आपको बहुत प्यार करती हूं पुलिस को अनुष्का के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। उसमें अनुष्का ने लिखा है कि ‘मम्मी-पापा, मैं आपको बहुत प्यार करती हूं। मुझे आपने बहुत से सपने दिखाए, उन्हें पूरा करना था। जिंदगी में बहुत आगे जाना था। लेकिन…मैं कुछ कर नहीं पा रही हूं। मैं डॉक्टर बनने के लिए डिजर्व नहीं करती। मम्मी-पापा और मेरी बहन, आप लोग मेरे इस कदम के लिए मुझे माफ करना। मैं बहुत हताश हूं।’ बेटियों के नाम पर बनाया था अस्पताल अनुष्का के पिता डॉ. एसपी सिंह और मां डॉ. उषा सेना में डॉक्टर रहे हैं। दोनों सैन्य अधिकारी रहे हैं। रिटायर होने के बाद दोनों मेरठ के मेडिकल कॉलेज में जॉब करने लगे। बड़ी बेटी अनुष्का और छोटी बेटी देवांशी की पढ़ाई के चलते उन्होंने दोनों के नाम पर एक अस्पताल बना लिया। पिता फिलहाल एक प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर भी हैं। अनुष्का की छोटी बहन देवांशी भी फिरोजाबाद से MBBS कर रही है। सोफिया स्कूल की टॉपर थी अनुष्का, नीट में पाए थे अच्छे मार्क्स अनुष्का पढ़ने में शुरू ही होनहार थी। वो सोफिया गर्ल्स स्कूल की टॉपर रही थी। नीट में उसके अच्छे मार्क्स आए थे। इसके चलते उसको मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में एडिमशन मिल गया था। उसका थर्ड ईयर चल रहा था कि उसने गुरुवार रात को ऐसा कदम उठा लिया। अनुष्का की मौत की सूचना मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स को मिली तो वे मोर्चरी पहुंच गए। सभी अनुष्का के सुसाइड से हैरान हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और स्टूडेंट्स ने बताया कि अनुष्का पढ़ने में बहुत अच्छी थी। उनसे ऐसा क्यों किया, समझ में नहीं आ रहा। दूसरे के दुख को समझती थी…अपना किसी से नहीं बांट पाई बेटी की मौत के बाद मां डॉ. ऊषा बेहाल हैं। वे दिनभर रोते हुए बेटी को याद करती रहीं। रोते हुए कहती रहीं कि कुछ दिन पहले गोवा घूमने गए थे। वहां एक बीमार डॉगी थी, अनुष्का ने उसका इलाज कराया था। डॉगी रखने वाले ने कहा था कि आपकी बेटी तो सोना है। मां रोते हुए कहती रही…सभी के दुख को अपना दुख समझती थी लेकिन अपना दुख किसी से नहीं बांट पाई। हमको जिंदगी भर के लिए रुलाकर चली गई। बेटी तुझे तो सफेट कोट में देखना था, आज कफन में आ गई पोस्टमार्टम के बाद अनुष्का का कफन में लिपटा शव घर पहुंचा तो मां डाॅक्टर ऊषा सिंह बेहाल हो गईं। बेटी को चेहरे को सहलाते हुए बार-बार बोलती रहीं कि तुझे तो डॉक्टर बनने के बाद सफेद कोट में देखना था, आज कफन में लिपटकर आ गई। उनकी हालत देखकर हर किसी की आंख से आंसू बह निकले। अंतिम संस्कार में शामिल हुए एमबीबीएस छात्र और प्रोफेसर
अनुष्का के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र और प्रोफेसर शामिल हुए। सभी की आंखें नम थीं। उन्होंने बताया कि अनुष्का बड़ी नेक दिल थी। नवंबर से कॉलेज में क्लास नहीं चलने के कारण सभी घर से ही पढ़ाई कर रहे थे।