Drishyamindia

मणिपुर के फुटबॉल खिलाड़ियों का दर्द:बोले- बाहरी लोग हमें जीने नहीं दे रहे; कर्फ्यू तो कभी इंटरनेट बंद, मोदी जी हमारे यहां भी कीजिए शांति की अपील

Advertisement

‘बाहर से आकर कुकी समुदाय के आतंकवादी लोग हमारे यहां अलग देश की मांग कर रहे हैं। मैतेई सम्प्रदाय के लोगों को जीने नहीं दे रहे हैं। हमारे हालात बहुत खराब हैं। फिर भी SGFI (स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने हमें यहां भेजा और बच्चे हमारे साथ आये हैं। हमारी PM मोदी और गृहमंत्री से मांग है कि वो यहां आएं और शांति की अपील करें ताकि हम भी सुकून से रह सकें।’ ये कहना है वाराणसी पहुंची नेशनल विद्यालयीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता खेलने मणिपुर बालक टीम के मैनेजर वहेंग्बम रोमेंद्रजीत सिंह का जो इंफाल ईस्ट के रहने वाले हैं। उनके साथ मणिपुर के चार जिलों के बच्चे टीम में आये हैं। 12 सदस्यीय टीम के बालक काफी खुश हैं। लेकिन अपने घर के हालात से दुखी हैं। कई खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने मणिपुर हिंसा के शुरूआती दिनों में सेना के कैंपों और सड़क पर रात बिताई। मणिपुर की बालिका टीम नहीं आ सकी है। ऐसे में सिर्फ बालक टीम ही वाराणसी पहुंची है। मणिपुर में पिछले एक साल से कुकी और मैतई समुदाय के बीच गृह युद्ध जैसा माहौल है। हिंसा अपने चरम पर है। कई जिले अब शांत हैं तो कई जिले अभी भी धधक रहे हैं। पिछले साल सबसे अधिक प्रभावित बिश्नूपुर में अब शांति है पर वहां के लोगों के सामने खौफ आज भी है। इस खौफ को नजदीक से जानने के लिए दैनिक भास्कर ने वाराणसी पहुंची मणिपुर की टीम के मैनेजर और कुछ खिलाड़ियों से बात की। खिलाड़ियों ने वाराणसी में खेलने पर खुशी जाहिर की तो मणिपुर का खौफनाक मंजर भी बताया। वहीं वाराणसी से PM नरेंद्र मोदी से मणिपुर आने और शांति की अपील की मांग की। पेश है खास रिपोर्ट… सबसे पहले मणिपुर के टीम मैनेजर वहेंग्बम रोमेंद्रजीत सिंह से बातचीत पढ़ते हैं… चार जिलों के 12 खिलाड़ी ही आ सके वाराणसी
वाराणसी के एम्फीथियेटर ग्राउंड पर नेशनल वॉलीबॉल बालक-बालिका प्रतियोगिता चल रही है। इसमें 33 सेंटर्स के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें बालक और बालिका टीम शामिल है। इसी टूर्नामेंट में मणिपुर भी पहुंची है, लेकिन सिर्फ बालक टीम। टीम मैनेजर वहेंग्बम रोमेंद्रजीत सिंह ने बताया- मणिपुर में हिंसा की वजह से सिर्फ बालक टीम ही आ सकी। वो भी स्टेट के सिर्फ चार जिलों के हैं। सबसे अधिक इंफाल के हैं। 8 दिन की प्रैक्टिस में तैयार की गई है टीम
वहेंग्बम रोमेंद्रजीत सिंह ने बताया- मणिपुर की हिंसा अभी भी जारी है। कब कर्फ्यू लग जाएगा और कब हिंसा शुरू हो जाए। इंटरनेट बंद हो जाए इसका पता नहीं है। ऐसे में सिर्फ चार जिले के खिलाड़ी ही इस टीम में शामिल हैं। वो भी सिर्फ 8 दिन की प्रैक्टिस के बाद हम यहां हैं। इसमें भी कभी 12 खिलाड़ियों ने एक साथ प्रैक्टिस नहीं की। कभी 6 लड़के आये तो कभी 8, ऐसे में प्रैक्टिस भी सही से नहीं हुई है। अब जानिए उनकी जुबानी मणिपुर के हालात… कभी आती है गोली की आवाज, कभी हंगामा
इम्फाल ईस्ट के रहने वाले मणिपुर टीम के मैनेजर वहेंग्बम रोमेंद्रजीत सिंह ने बताया- यही हालत सही हैं। लेकिन शुरू-शुरू में घर से बाहर जाना भी मुश्किल होता था। कभी लड़ाई हो रही। फोर्स हंगामा करने वालों को कंट्रोल करती दिखाई देती थी। कभी लाठी चलती थी तो कभी टियर गैस। तो कभी गोली की आवाज आती थी। कब क्या होगा कुछ पता नहीं चलता था। कुछ दिन पहले बुरी तरह से मारा था
वहेंग्बम रोमेंद्रजीत सिंह ने कहा-अभी कुछ दिन पहले उन लोगों ने एक 8 महीने की बच्ची, 25 साल की बच्ची, 60 साल की बुजुर्ग को निर्मंमता से मारा था। उनका क्या कसूर था। हम बस अब शांति चाहते हैं। अपने यहां और कुछ नहीं चाहिए। पहले रोज होता था अब 10 दिन पर होता है
उन्होंने कहा- अक्सर इंटरनेट बंद रहता है। हम देश से कट से जाते हैं। हंगामे अब कम हैं लेकिन हर दस दिन बाद कुछ न कुछ होता है जिससे दिल दहल जाता है। हमारी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से अपील है कि वो मणिपुर आएं और हमारे यहां शांति की अपील करें ताकि हम शांति से रह सकें। अब बिश्नूपुर के रहने वाले खिलाड़ी पिह बोबी सिंह से वहां का हाल… कई दिनों तक रहे शरणार्थी कैंप में रहे
भाषाई दिक्कत की वजह से बिश्नुपुर (मणिपुर) के रहने वाले और नेशनल वॉलीबॉल टीम में अटैकर की भूमिका निभा रहे पिह बोबी सिंह (Ph ibobi Singh) हमसे बात नहीं कर पाए। उन्होंने अपने मैनेजर को हमारे कहने पर बताया- शुरुआत में हमारे यहां हर वक्त हंगामा करने वाले घूमते दिखाई देते थे। गोलियां चलती थी। कई जगह आग लगा दी गई थी। हम लोग भी घर छोड़कर वहां से चले गए थे। कई दिनों तक हमारा परिवार पिछले साल सड़क पर रहा तो कुछ दिन शरणार्थी कैंप में रहा। सेना ने वापस घरों में स्थापित किया
पिह बोबी सिंह ने बताया- हमें वहां पहुंची सेना ने घरों में दोबारा स्थापित कराया। कर्फ्यू लगाये गये पर गोलियों की आवाज कम है हुई। इधर कुछ महीनों से शांति है, पर आज भी सबको एक डर सता रहा है। बस यही मांग है सरकार से कि हमारे यहां शान्ति हो जाए। सरकार हमारे मणिपुर में शांति लौटा दे
यहां आये खिलाड़ियों ने एक साथ यही मांग किया कि सरकार हमारे मणिपुर को शांत करने के लिए उपाय करे और हमारी यही मांग है कि प्रधानमंत्री एक बार मणिपुर आएं और यहां शांति की अपील करें। ये खबर भी पढ़िए… महाकुंभ से पहले मोदी ‘अगड़ा-पिछड़ा एक’ का संदेश देंगे:2 लाख लोग सुनेंगे, श्रृंगवेरपुर धाम नहीं जाएंगे; योगी ने बुलाए 13 अखाड़ों के संत पीएम नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज आ रहे हैं। संगम तट से पीएम महाकुंभ-2025 का शंखनाद करेंगे। साथ ही महाकुंभ से जुड़े 7 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात भी देंगे। इस दौरे में एक बड़ा बदलाव हुआ है। अब पीएम मोदी श्रृंगवेरपुर धाम नहीं जाएंगे। उन्हें रामायण सर्किट के इस स्पॉट से ‘अगड़ा-पिछड़ा एक’ का संदेश देना था। जो अब संगम तट से 2 लाख लोगों की मौजूदगी में दिया जाएगा। पढ़िए पूरी खबर

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े