मथुरा वृंदावन में बिगड़ती जा रही यातायात व्यवस्था से स्थानीय निवासी ही नहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी अब परेशान होने लगे हैं। यहां बिगड़ती यातायात व्यवस्था के लिए टेंपो टैक्सी सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष ने इसके लिए ई रिक्शा की ज्यादा संख्या और यातायात पुलिस के नियम विरुद्ध किए जा रहे कामों को माना है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने DM को एक पत्र सौंपा है अगर उस पर कार्यवाही नहीं हुई तो वह न्यायालय की शरण लेंगे। न पार्किंग न स्टैंड टेंपो टैक्सी सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष राम गोपाल पूरी द्वारा मथुरा वृंदावन की बिगड़ी यातायात व्यवस्था पर प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि संपूर्ण मथुरा वृंदावन में लोकल कन्वेंस वाहनों के लिए न तो पार्किंग है और न ही स्टैंड। इसके बावजूद नो पार्किंग के चालान कैसे किए जा रहे हैं। वृंदावन अंतरराष्ट्रीय स्तर का धार्मिक क्षेत्र है। यहां की यातायात व्यवस्था में बदहाली का जंगलराज है। किसी भी यात्री को नहीं मालूम कि यात्री वाहन कहां और कितने भाड़े में मिलेगा। पिछले दिनों एक संस्था को दी नियम विरुद्ध जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि पिछले दिनों गैरकानूनी तरीकों से मथुरा पुलिस प्रशासन ने एक संस्था को यात्री वाहन ई रिक्शा संचालन की जिम्मेदारी अपना पल्ला झाड़ते हुई दे दी थी। उस संस्था ने अवैध वसूली प्रतिबलन( इनफोर्समेंट में) की। टेंपो टैक्सी सेवा समिति द्वारा शिकायत हल्ला बोलने पर उस संस्था को हटा दिया गया। परंतु अवैध कृत्यों पर कार्यवाही नहीं की गई। उस संस्था के कथित शेयर होल्डर अपना टाइटल बदलकर पुनः सक्रिय है ऐसे लोग बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। टेंपो टैक्सी सेवा समिति पुनः मांग करती है कि जिलाधिकारी मोटर गाड़ी अधिनियम के अंतर्गत स्थानीय निकाय के सहयोग से वृंदावन के चारों दिशाओं में पार्किंग स्थल एवं विश्राम स्थल सृजित कराएं और उसका नोटिफिकेशन जारी करें। ताकि सार्वजनिक वाहन बजाए इधर-उधर खड़े होने के निर्धारित स्थल पर खड़े हो। संचालन की जिम्मेदारी संभाले परिवहन विभाग ई वाहनों रिक्शा की संख्या निर्धारित कराएं वारी-वारी से उन्हें मार्ग वार संचालन की अनुमति दें। संपूर्ण संचालन का दायित्व कानूनन यातायात परिवहन विभाग अपने पास रखे। जिससे पारदर्शिता आएगी वसूली नहीं होगी। मोटर गाड़ी अधिनियम में बैच सिस्टम का उल्लेख है जिसके अंतर्गत ड्राइवर का पूरा विवरण रहता है। हर बड़े शहर की तरह प्रत्येक चालक का विवरण यहां भी लागू किया जा सकता है। आपके समय में डिजिटल व्यवस्था है उसी का अब क्यू आर कोड कहा जाता है यदि प्रशासन क्यू आर कोड जारी करना चाहता है यह उसकी अतिरिक्त व्यवस्था माना जाएगा। परंतु उसका कोई शुल्क चार्ज वाहन स्वामी से नहीं लिया जा सकता। जगह मिलने पर निकाय को देंगे निर्धारित शुल्क प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्किंग स्थल निर्धारण के बाद अन्य शहरों की तरह स्थानीय निकाय को लाइसेंस शुल्क के रूप में आंशिक शुल्क देंगे। बिजली विभाग भी चार्जिंग स्टेशन उन्हीं स्थलों पर खोले नियमित वैध चार्जिंग शुल्क दिया जाएगा। सेवा समिति ने 4 माह पूर्व जिलाधिकारी को पार्किंग स्थल के लिए ज्ञापन दिया था मांग की थी परंतु स्थलों के चयन के लिए अब तक प्रारंभिक कार्रवाई तक नहीं हुई। टेंपो टैक्सी सेवा समिति ने आज मंडल में सार्वजनिक यात्री वाहनों जरूरतों को पूरा करने हेतु सुधीर शुक्ला को मंडल अध्यक्ष मनोनीत किया। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष मथुरा श्री रणवीर धनगर ने भी संबोधित किया। मथुरा वृंदावन में 15 हजार ई रिक्शा मथुरा वृंदावन में 15 हजार से ज्यादा ई रिक्शा हैं। इनमें से 95 प्रतिशत चालकों पर लाइसेंस भी नहीं है। इसके अलावा यहां प्रतिदिन एक अनुमान के मुताबिक 10 हादसे इनकी बजह से होते हैं। इस सबके बावजूद न तो यातायात पुलिस और न ही परिवहन विभाग इस तरफ कोई ध्यान देता है।