कुशीनगर के हाटा नगर पालिका में कई साल पहले बनी मदनी मस्जिद का मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अवैध अतिक्रमण कर मस्जिद निर्माण की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने मस्जिद परिसर की पैमाइश शुरू कर दी है। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। एसपी-डीएम भी मौके पर मौजूद हैं। पैमाइश के दौरान किसी को भी मस्जिद एरिया के पास आने नहीं दिया गया। मस्जिद एरिया की 500 मीटर की दूरी तक पुलिस बल को तैनात किया गया। पैमाइश करने के बाद राजस्व टीम वापस लौट गई है। बता दें, हिंदूवादी नेता और शिकायतकर्ता राम बच्चन सिंह ने मुख्यमंत्री से मिलकर पुलिस चौकी की जमीन, नगर पालिका की जमीन और नुजूल की जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर मस्जिद निर्माण का आरोप लगाया था। वो साल 1993 से इस अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है, हर बार शिकायत के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे खरीदी हुई जमीन बताया है। टीम कर रही पूरे परिसर की पैमाईश हालांकि मुस्लिम पक्ष मस्जिद निर्माण के लिए 32 डिसमिल जमीन खरीद कर इसके निर्माण करने की बात कह रहा है। मुस्लिम पक्ष ने जमीन के कागजात के साथ जिला प्रशासन के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत किया है। पुलिस ने पैमाईश के दौरान नगर में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए क्षेत्राधिकारियों के नेतृत्व में कई थानों की फोर्स तैनात की है। अपर जिलाधिकारी की देख रेख में हाटा तहसील की राजस्व टीम पूरे परिसर की पैमाइश में जुटी हुई है। हमारी जमीन किसी तरह से विवादित नहीं है- मुस्लिम पक्ष मुस्लिम पक्ष के जाकिर खान ने बताया कि 32 डिसमिल जमीन हमने जाकिर हुसैन और अजमतुन निशा के नाम से लिया है। हमने रजिस्ट्री के 30 डिसमिल जमीन में ही मस्जिद बनवाई है। अगल-बगल अभी 2 डिसमिल जमीन हमारी ही शेष है। विवादित जमीन हमारी बाउंड्री के बाहर है। दूसरी तरफ ईदगाह के बाद जमीन है। हमारी जमीन किसी तरह से विवादित नहीं है। हमने हिंदू भाइयों से जमीन लेकर मस्जिद बनवाई है। जो विवादित जमीन है, उससे मेरा कोई लेना देना ही नहीं है। ईदगाह के बाद जो जमीन है, उस पर जमा मस्जिद कमेटी ने स्टे लिया हुआ है। हमें उम्मीद है कि हम लोगों के सम्मान की रक्षा होगी- हिंदू पक्ष वहीं हिन्दू नेता और शिकायतकर्ता रामबचन सिंह ने कहा, मैं 1993 से इस मस्जिद का निर्माण शुरू होते ही अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहा हूं। जब-जब ज्ञापन दिया पैमाइश हुई पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व की सरकारों में सह पाकर इस मस्जिद को बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास मैं शिकायत लेकर पहुंचा तो एक बार फिर अब कार्रवाई शुरू हुई है। हमें उम्मीद है कि हम लोगों के सम्मान की रक्षा होगी। जब पैमाइश होगी तो पता चल जाएगा की कितनी जमीन अतिक्रमण की गई।