महाकुंभ में प्रयागराज के विश्व विख्यात एप्पल गुवावा की चर्चा के बगैर अधूरा है। प्रयागराज में अमरूद महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रयागराज रेलवे स्टेशन के समीप स्थित औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग प्रयागराज में रविवार 16 फरवरी को अमरूद महोत्सव मनाया गया। अमरूद की 11 प्रजातियां हुईं शामिल
संगम के अलावा प्रयागराज की एक और पहचान है यहां का एप्पल गुवावा। अपनी खास मिठास और खास कलर के लिए फलों के बीच अलग पहचान रखने वाले प्रयागराज के एप्पल गुवावा सहित 11 प्रजातियों ने अमरूद महोत्सव में अपना जलवा बिखेरा। उद्यान उप निदेशक डॉ. कृष्ण मोहन चौधरी बताते है कि अमरूद महोत्सव में 11 प्रकार के अमरूद की प्रदर्शनी की गई। एप्पल कलर, ललित, सरदार, धवल, चित्तीदार, इलाहाबादी सुरखा इत्यादि फसलों के अमरूद की प्रतियोगिता की गई जिसके मूल्यांकन के लिए कृषि विश्वविद्यालय से कृषि वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव से प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया। कार्यक्रम में उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किया। योगी सरकार के प्रयासों से एप्पल गुवावा को मिला पुनर्जीवन
प्रयागराज की अगर धार्मिक पहचान यहां तीन पावन नदियों का मिलन स्थल संगम है तो इसकी दूसरी पहचान यहां का सुर्खा अमरूद जिसने अपने खास स्वाद और रंग की वजह से देश भर में फलों के बीच अपनी पहचान कायम रखी है। विल्ट डिजीज, फ्रूट फ्लाई और रेड नॉट नेमेटोड की चपेट में चल रही प्रयागराज और कौशांबी की अमरूद फल पट्टी में मौसम की मार ने जमकर नुकसान पहुंचाया है। योगी सरकार किसानों के साथ आई जिसके बाद इसे पुनर्जीवन मिला है। उद्यान विभाग के उप निदेशक कृष्ण मोहन चौधरी बताते हैं कि अमरूद में फ्रूट फ्लाई से बचाव के लिए फेरोमेन ट्रैप पेड़ों में बांधे गए जिससे फ्रूट फ्लाई का संकट लगभग समाप्त हो गया। अमरूद के उत्पादन पर ताइवान के अमरूद के जरिए रुट नॉट निमेटिड का भी हमला हुआ। बाहर से आने वाले अमरूद पर रोक लगाकर प्रशासन ने इसे रोक लिया। इसके अलावा पहली बार अमरूद के फलों में बैगिंग की गई जिससे अमरूद की विदेशों में मांग बढ़ी। अमरूद का निर्यात बढ़ा।
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