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महाकुंभ में सनातन का प्रचार…बांटे जाएंगे 15 हजार दुपट्टे:काशी में एक महीने में डिजाइन तैयार; तस्वीर के जरिए कुंभ की पूरी कहानी जानने को मिलेगी

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काशी से प्रयागराज का रिश्ता हमेशा ही खास रहा है और अब जब महाकुंभ है तो काशी के कारीगरों ने एक खास दुपट्टा तैयार किया है। जिसमें महाकुंभ की गाथा को दर्शाया गया है। इस दुपट्टे को काशी से प्रयागराज भेजा जाएगा पहले एक हजार दुपट्टे को मुफ्त में बांटा जाएगा इसके बाद बिना किसी प्रॉफिट के सनातन धर्म के प्रचार के लिए हजारों दुपट्टे कुंभ में बांटे जाएंगे। वाराणसी के कारीगर इस समय एक ऐसे खास दुपट्टे को तैयार कर रहे ही जो महाकुंभ प्रयागराज के पूरी कहानी को दर्शा रही है। दुपट्टे की डिजाइन को तैयार किया गया है। यह पहला ऐसा दुपट्टा है जिसमें समुद्र मंथन के साथ महाकुंभ के लोगो को दर्शाया गया है दूसरा दुपट्टा है जिसमें पूरे समुद्र मंथन के साथ महाकुंभ की उत्पति को दर्शाया गया है। आइए अब जानते हैं इसको बनाने वाले लोगों ने क्या बताया डिजाइनर सौम्या यदुवंशी ने कहा – बनारसी कपड़ा उद्योग दुनिया में मशहूर है ऐसे में अब काशी के कारीगर इन दिनों महाकुंभ में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए खास तरह का दुपट्टा तैयार करने में लगे हैं। पहले कंप्यूटर पर डिजाइन बनाने के बाद इसे छापा जा रहा है इस दुपट्टे में महाकुंभ की पूरी कथा को दर्शाया गया जिसे लेकर सभी बेहद उत्साहित है उनका कहना है की ये व्यापार के लिए नहीं बल्कि सनातन धर्म के प्रचार के लिए है। कुंभ की झलक को दुप्पटे में उतारा सौम्या ने बताया कि इस दुपट्टे को तैयार करने के लिए पहले हमने स्कैच किया। उन्होंने बताया कि हमने इसको बनाने के लिए किताबों की भी मदद ली और संक्षिप्त में चित्र के माध्यम से यह दिखाया कि आखिर कुंभ क्यों मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि हमने भगवान के अमृत लेते हुए कलश और कुंभ में साधुओं के स्नान की तस्वीर भी इस दुपट्टे में लगाई है। उन्होंने बताया कि इस डिजाइन को बनाने में कुल 1 महीने का समय लगा। 15 हजार दुपट्टे को तैयार कर कुंभ में करेंगे वितरण अंकित बाजोरिया ने कहा-बनारसी साड़ी बेचने वाले गद्दीदार इस दुपट्टे को प्रयागराज तक ले जाने का जिम्मा उठा रहे है उनका कहना है की पहले एक हजार दुपट्टा हम मुफ्त में बांटेंगे और उसके बाद भी बिना किसी प्रॉफिट के सिर्फ लगत पर पहले 15 हजार दुपट्टों को प्रयागराज ले जाएंगे और ये सिलसिला पूरे महाकुंभ के दौरान जारी रहेगा। अंकित ने बताया हमने पूरे महाकुंभ के एक झलक को इस दुपट्टे में दर्शाया है। इसके अलावा इसमें संक्षिप्त में यह भी बताया गया है कि आखिर कुंभ मेला क्यों लगा उसकी पूरी कहानी को चित्र के माध्यम से बताया गया है। उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य बस इतना है कि हम अपने सनातन और हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार कैसे करेंगे। 80 रूपए की लागत से तैयार हुआ है दुपट्टा। विकास गुप्ता ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि सनातन का प्रचार प्रसार हो उसी उद्देश्य से हमने इस डिजिटल दुपट्टे को तैयार किया है इसमें हमने कुंभ की पूरी कहानी को दर्शाया है जिसमें यह भी बताया गया है कि आखिर कुंभ कैसे लगा उन्होंने कहा कि हम कुंभ में आने वाले प्रमुख 1 हजार साधु संतों को इस भेंट करेंगे। इसके अलावा 6 करीगरों द्वारा 15 हजार दुपट्टे और तैयार किया जा रहे है। जिसे 80 रूपए में कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुपट्टे को तैयार करने में भी 80 रूपए का लागत लगा है।

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