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महिला के बर्थडे पर कानपुर DM का तोहफा:दाखिल खारिज के लिए 7 साल तक भटकी, कई जिलाधिकारी बदले पर सरकारी तंत्र ने न सुनी

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कानपुर में डेढ़ बीघा जमीन के दाखिल खारिज के लिए किदवई नगर निवासी एक महिला 7 साल तक तहसील के चक्कर काटती रही। कई जिलाधिकारी आए हर किसी से गुहार लगाई लेकिन ये सरकारी तंत्र नहीं पसीजा। इसके लिए महिला ने सारे जतन कर लिए। शुक्रवार को महिला का जन्मदिन था। महिला अपनी पीड़ा लेकर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पास पहुंची और उन्हें अपनी समस्या बताई। इस पर जिलाधिकारी ने अन्य कर्मचारियों को फोन किया और महिला की 7 साल की तकलीफ को कुछ घंटे में हल कर दिया। 2 बार वकील बदला
महिला 7 सालों तक किदवईनगर से घाटमपुर तहसील के चक्कर लगाती रही। मगर किसी भी अधिकारी ने उसकी सुध तक लेनी नहीं समझी। इस दौरान पीड़िता ने दो बार वकील बदला। आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक तनाव झेला, फिर भी सुनने वाला कोई नहीं मिला। किदवईनगर के-ब्लॉक निवासी माधवी तिवारी ने शुक्रवार जनता दर्शन में जिलाधिकारी से मिलकर अपनी समस्या बताई। माधवी ने बताया कि अप्रैल 2018 में जहांगीराबाद परगना घाटमपुर निवासी धीरेंद्र नाथ तिवारी से डेढ़ बीघा जमीन खरीदी थी। बैनामा के बाद मई माह में उनके पक्ष में दाखिल खारिज का आदेश हो गया। उसके बाद भी खतौनी में उनका नाम नहीं दर्ज हुआ, जब उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया तो दोबारा जांच हुई। उसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई। जिलाधिकारी में रह गए हैरान
माधवी की समस्या सुनकर जिलाधिकारी हैरान रह गए। उन्होंने तत्काल तहसीलदार से बात की और नामांतरण न होने का कारण पूछा। कहा, यह काम आज ही होना चाहिए। उसके बाद अवगत कराएं। माधवी के अनुसार वह घर भी नहीं पहुंच पाई थी और 10 मिनट में तहसीलदार घाटमपुर लक्ष्मी नारायण बाजपेई का फोन आ गया कि नामांतरण हो गया है। पोर्टल पर दाखिल खारिज का आदेश चेक कर लीजिए। माधवी ने जिलाधिकारी को आभार जताया, कहा कि आज मेरी 7 साल की मेहनत सफल हुई है। महिला की खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी।

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