भारतीय जनता पार्टी ने यूपी भर में मंडल अध्यक्षों की सूची जारी कर दी है लेकिन कुछ जिले अभी इससे अछूते हैं। वाराणसी महानगर, वाराणसी जिला के मंडल अध्यक्षों की सूची अधर में लटकी है। माननीयों की मर्जी के बीच संगठन मंडल अध्यक्षों की अंतिम सूची जारी नहीं कर पा रहा है। कुर्सी पर ‘अपना’ काबिज हो इसकी कोशिशें सदस्यता अभियान से चल रही थी लेकिन अब ‘अपनों’ को पद दिलाने के लिए MLA-MLC ने एड़ी-चोटी जोर लगा रहे हैं। विधायकों ने अपने क्षेत्र में फिर उन्हीं चेहरों को जिम्मेदारी देने का सुझाव दिया है जो उनके साथ अक्सर फोटो में नजर आते हैं। इसमें 2022 चुनाव में बेहतर प्रदर्शन और प्रत्येक स्तर पर मदद करने वाला बताया है। जबकि ऐसे मंडल अध्यक्षों की संख्या ज्यादा है, जिनकी पत्नियां पार्षद या किसी फर्म की ठेकेदार है। वहीं कई पार्षद भी अपनी पत्नियों को पार्टी में पद दिलाने की जुगत लगाए हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश संगठन ने सूची तैयार कर ली थी लेकिन बनारस के माननीयों ने इसमें पेंच फंसा दिया है। MLA-MLC ने प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक कवायद की है और 2024 लोकसभा चुनाव में बूथ पर मिलने वाले वोटों के लिए अपने दावेदार को ही पूरा श्रेय भी दिया है। हालांकि भाजपा पदाधिकारियों की माने तो दो-तीन दिन में सूची आने की प्रबल संभावना है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बड़े उलटफेर की चर्चाओं के बीच संगठन में चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली है। 90 फीसदी जिलों में मंडल स्तर पर चुनाव की कार्रवाई के बाद अध्यक्षों और मंडल के प्रभारियों के नाम भी घोषित हो गए। पूर्वांचल के सभी जिलों में नए मंडल अध्यक्षों ने कमान संभाल ली लेकिन पीएम का संसदीय क्षेत्र अभी अछूता है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अपनों’ को पद पर काबिज चाहने वालों ने इसे होल्ड करा दिया है, जिसके बाद चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। माननीयों का मानना है कि दो साल तक ये मंडल अध्यक्ष उनके लिए भीड़ भी जुटाएंगे और संगठन के कार्यक्रमों में सहायक भी बनेंगे। साथ ही साथ सोशल मीडिया पर विधायक के साथ फोटो लगाकर उन्हें प्रचारित भी करते रहेंगे। इससे पहले 18 दिसंबर को पूर्व मंत्री और पर्यवेक्षक अशोक कटारिया ने वाराणसी पहुंचकर मंडल चुनाव अधिकारी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले लोगों से मुलाकात की। नामांकन पत्रकों का संग्रहण करते हुए फीडबैक भी लिया। प्रदेश भाजपा संगठन की ओर से नियुक्त महानगर चुनाव अधिकारी पुरुषोत्तम खंडेलवाल के निर्देशन में स्क्रूटनी के बाद तीन नामों का मंडल वाइज पैनल बनाकर काशी क्षेत्र को भेजा गया। इसके बाद सूची जब तय हुई उससे पहले माननीयों ने अपने नाम भी भेज दिए। इनका मानना है कि विधानसभा क्षेत्रों के मंडल में उनकी पसंद के कार्यकर्ता और मंडल अध्यक्ष होंगे तो काम करने में आसानी रहेगी। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि काशी क्षेत्र, जिला एवं महानगर में बड़े फेरबदल के बीच संगठन में अपनी मजबूती बनाए रखने के लिए दिग्गज अपनों को मंडल अध्यक्ष समेत अन्य पदों पर लाना चाहते हैं। कुछ भी हो इसी रस्साकाशी के बीच काशी की सूची अटकी है, जिसका सभी कार्यकर्ताओं को बेसब्री से इंतजार है । पूर्व सांसद सुब्रत पाठक को बनाया गया था पर्यवेक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा संगठन के चुनाव पर पूरे देश की नजर है। पार्टी ने चुनाव में नए अध्यक्ष और नई टीम चुनने के लिए कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक को वाराणसी का चुनाव पर्यवेक्षक बनाया गया था। सुब्रत ने कई दिन रुककर वाराणसी जिला एवं महानगर दोनों की टीमों के चयन में भागीदारी की। कार्यकर्ताओं की सदस्यता पूरी होने के बाद सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची बनाई और कुछ नए नामों की चर्चा भी की। समीक्षा के बाद प्रदेश संगठन को रिपोर्ट में कई मंडल और बूथों नई टीम उतारने की जरूरत भी महसूस की। बता दें कि इससे पहले सुब्रत पाठक काशी क्षेत्र के संगठन प्रभारी भी रह चुके हैं और विधानसभा चुनाव समेत कई अहम जिम्मेदारियों को निभाया है। कैंट और दक्षिणी के मंडलों पर सबकी निगाहें वाराणसी में जिला एवं महानगर में भाजपा मंडल अध्यक्ष के चुनाव के लिए दो मंडल हरहुआ, कठिराव मंडल को छोड़कर कुल 31 मंडलों पर नामांकन हुए हैं। 31 मंडलों में 378 लाेगों ने नामांकन किया। महानगर के 13 मंडलों में 153 और 19 मंडलों में कुल 225 नामांकन हुए। वाराणसी महागनर के 13 मंडल अध्यक्ष के लिए 153 दावेदार हैं जिसमें सबसे ज्यादा नामों की चर्चा शहर की दक्षिणी विधानसभा और कैंट विधानसभा क्षेत्र के मंडलों मे है। उत्तरी विधानसभा अन्तर्गत आने वाले बागेश्वरी मंडल में 10, सारनाथ मंडल 15, राजर्षि मंडल 16, धूपचंडी मंडल 12 कार्यकर्ता मैदान में हैं। शहर दक्षिणी विधानसभा के दीनदयाल मंडल में 9, काशी विश्वनाथ मंडल में 7 व मध्यमेश्वर मंडल में 14 लोगों ने नामांकन दाखिल किया। कैंट विधानसभा अंतर्गत आने वाले कैंट मंडल में 9, छावनी मंडल में 4, महामना मंडल में 19, रविदास मंडल में 16, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल में 9 व रामनगर मंडल में 13 लोग दावेदार हैं। भंग हुई हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारी भी सक्रिय संगठन चुनाव में भाजपा के पदाधिकारियों के अलावा सीएम योगी के द्वारा भंग की गई हिन्दू युवा वाहिनी के पूर्व कार्यकर्ता भी सक्रिय है। हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़े पूर्व पदाधिकार भी अपने करीबी को मंडल का पद दिलाने की कोशिश में हैं। इसके लिए उचित स्थानों तक अपनी बात भी पहुंचा चुके हैं और उस कार्यकर्ता की सक्रियता का बखान भी कर चुके हैं।