मिग-29 हादसे की जांच सेना की कई एजेंसियों ने शुरू कर दी है। सोमवार देर रात तक क्रैश एयरक्राफ्ट का मलबा एकत्रित करने के बाद मंगलवार सुबह से ही जांच एजेंसी सक्रिय हो गईं। ब्लैक बॉक्स को घटना के कुछ देर बाद ही सेना के जवानों ने अपने कब्जे में ले लिया था। सेना ने घटनास्थल पर ही अपना कैंप स्थापित कर दिया है। यहीं से पूरे ऑपरेशन को संचालित कर रहे हैं।
सोमवार शाम लगभग 4.20 बजे मिग-20 आगरा, कागारौल के बघा सोनिगा गांव में हादसे का शिकार हो गया था। ये तो विंग कमांडर मनीष मिश्रा की सूझबूझ रही कि वे इस एयरक्राफ्ट को आबादी से दूर खाली खेतों की ओर ले गए। घटना के कुछ देर बाद ही सेना के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए थे। सोमवार देर रात तक उन्होंने एयरक्राफ्ट के मलबे को एकत्रित किया।
यह मलबा लगभग दो किमी के दायरे में फैला था। पहले तो मोबाइल फोन की रोशनी और टॉर्च की रोशनी में मलबा ढूंढा गया। बाद में जनरेटर से लाइट जलाई गई।
आसपास के क्षेत्र से एयरक्राफ्ट के पार्टस एकत्रित करके उसी जगह रख दिए गए हैं, जहां एयरक्राफ्ट का मलबा पड़ा है। मंगलवार सुबह से ही जांच एजेंसी विभिन्न पहलुओं की जांच को पहुंचने लगीं। ये सिलसिला मंगलवार दोपहर बाद तक चला। पूरी तरह से जलकर राख हो चुके एयरक्राफ्ट के साथ ग्रामीणों से भी बातचीत की।
एजेंसियों ने सदस्यों ने ग्रामीणों से घटना के संबंध में जो भी वीडियो है, उन्हें उपलब्ध कराने के लिए कहा है। जांच को आए इन एजेंसियों के सदस्यों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इधर, सेना ने घटनास्थल के पास ही अपना कैंप कर लिया है। 24 घंटे सेना और पुलिस के जवान ड्यूटी दे रहे हैं।
इन तीन बिंदुओं पर होगी जांच
सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर AK सिंह के अनुसार, मिग-29 एक भरोसमंद एयरक्राफ्ट है। यदि इसके साथ कोई हादसा हुआ है तो सेना के लिए ये गंभीर है। उनका कहना है कि एयरक्राफ्ट होने पर तीन बिंदुओं पर जांच होगी। इसमें सबसे पहली टीम उड़ान सुरक्षा निदेशालय की होगी। ये फ्लाइट सेफ्टी से जुड़े बिंदुओं की जांच करेगी।
तकनीकी कारणों की होगी जांच
दूसरी टीम तकनीकी टीम होगी। इसमें यह टीम ब्लैक बॉक्स की जांच करेगी ही, इसके साथ ही ATC और पायलट के बीच हुए संवाद की भी जांच करेगी। इसमें यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि घटना के बाद पायलट जो बयान दे रहे हैं, उसका मिलान ATC के साथ हुए संवाद से मिलान करता है या नहीं। जांच का मुख्य बिंदु ये होगा कि एयरक्राफ्ट तकनीकी खराबी की वजह से क्रैश हुआ या फिर पायलट की गलती की वजह से।
आदमपुर स्टेशन की भी आएगी टीम
तीसरी जांच आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन की टीम भी करेगी। क्योंकि मिग-29 ने उसी बेस से उड़ान भरी थी। वहां से और भी मिग-29 संचालित हो रहे हैं। ऐसे में टीम यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि कोई ऐसी गड़बड़ी तो नहीं थी, जिसको वहां के स्टेशन पर उड़ान से पहले नजरअंदाज किया गया हो।