मिर्जापुर के कछवां थाना क्षेत्र के नरायनपुर गांव निवासी 31 वर्षीय चंद्र प्रकाश पटेल की सड़क हादसे में मौत की खबर से परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। चंद्र प्रकाश भारतीय सेना की 99वीं बटालियन में तैनात थे और राजस्थान के सूरतगढ़ में ड्यूटी पर थे। उनकी मौत की खबर सोमवार को सुबह गांव में पहुंचते ही परिवार और गांववाले शोक में डूब गए। सेना में पहले प्रयास में चयन चंद्र प्रकाश का चयन भारतीय सेना में 2010 में पहले प्रयास में ही हो गया था। वह चार भाईयों में तीसरे नंबर पर थे और अपने व्यवहार व कर्तव्यनिष्ठा के कारण सभी के प्रिय थे। परिवार और गांव के लोग उन्हें एक जागरूक और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित नागरिक के रूप में जानते थे। पति और पिता के दुख की कोई सीमा नहीं चंद्र प्रकाश का विवाह 2018 में वाराणसी जनपद के करमनबीरसुसुवाही गांव में स्नेहा पटेल से हुआ था। उनका एक ढाई साल का बेटा अयांश पटेल भी है। चंद्र प्रकाश की मौत की खबर मिलते ही उनके पिता राजनाथ पटेल और मां राजपति का बुरा हाल हो गया। पिता राजनाथ पटेल की आंखों में आंसू थे, और उन्होंने कहा, “अगर लड़ कर मरा होता तो और अच्छा होता, ट्रेनिंग के दौरान हादसे में छोड़ कर चला गया।” सड़क हादसे में हुई मौत चंद्र प्रकाश पटेल रिफ्रेश ट्रेनिंग के लिए हेड क्वार्टर से करीब 400 किलोमीटर दूर गए थे। वहीं एक सड़क हादसे में उनका निधन हो गया। इस दुर्घटना की सूचना उनकी पत्नी को मिली, जो तब जयपुर में अपने बेटे के साथ रह रही थीं। सेना ने तत्परता दिखाते हुए उनकी पत्नी और बच्चे को घर के लिए रवाना कर दिया है। स्मृतियों में बसने वाला देशभक्त चंद्र प्रकाश की मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। उनके दोस्तों ने उन्हें एक सीधा और सरल इंसान बताया। वह हमेशा राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की बात करते थे। उनके जीवन में राष्ट्र की सेवा का जुनून था, और उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च माना।