मुज़फ्फरनगर में जीएसटी टीम पर कथित हमले और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा और सद्दाम राणा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोनों आरोपियों की ज़मानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने आदेश दिया कि एक-एक लाख रुपए के दो-दो जमानती पेश करने पर उन्हें जेल से रिहा किया जाए। 5 दिसंबर को हुई थी घटना
5 दिसंबर 2024 को जीएसटी विभाग की टीम ने राणा स्टील पर छापेमारी की थी। इस दौरान टीम के अधिकारियों का विरोध किया गया और कथित तौर पर टीम पर पथराव हुआ। सरकारी वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए। घटना में महिला अधिकारी पर जानलेवा हमले और सरकारी वाहन को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। घटना के बाद जीएसटी विभाग की महिला अधिकारी ने पूर्व विधायक शाहनवाज राणा, सद्दाम राणा और दो महिलाओं समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शाहनवाज राणा, सद्दाम राणा, सादिया राणा और सारिया राणा को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने
गुरुवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बचाव पक्ष की ओर से तर्क रखते हुए कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में कई खामियां हैं, जिससे आरोपी जमानत के हकदार हैं। वहीं, अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता अरुण शर्मा ने ज़मानत का कड़ा विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया और शाम को शाहनवाज राणा व सद्दाम राणा को जमानत दे दी। महिला आरोपियों और अन्य की सुनवाई की तारीखें तय
इस मामले में पूर्व सांसद कादिर राना की दो बेटियों, सादिया राणा और सारिया राणा को भी गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उन्हें पहले ही अंतरिम जमानत दे दी थी। उनकी रेगुलर जमानत अर्जी पर सुनवाई 19 दिसंबर को होगी, जबकि एक अन्य आरोपी इमरान की ज़मानत अर्जी पर 17 दिसंबर को सुनवाई तय की गई है।