मुज़फ्फरनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने मंगलवार को हैदरपुर वेटलैंड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने जलकुंभी की सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उनका कहना था कि जलकुम्भी के अत्यधिक बढ़ने से जल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जिससे जैविक संतुलन बिगड़ सकता है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया, ताकि जल निकायों में स्वच्छता और जैविक संतुलन बनाए रखा जा सके। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की सलाह
जिलाधिकारी ने हैदरपुर वेटलैंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की सलाह भी दी। उनका मानना था कि अगर पर्यटकों को यहाँ की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य दिखाया जाए, तो यह स्थल एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने हैदरपुर वेटलैंड में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया, ताकि इस प्राकृतिक स्थल का पर्यावरणिक संतुलन बनाए रखा जा सके और प्रदूषण की समस्या को रोका जा सके। यह कदम क्षेत्र की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के संरक्षण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नेशनल टूरिज्म साइट की योजना
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने हैदरपुर को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है, जिससे यह स्थल देशभर में अपनी पहचान बना सके। इस दिशा में कई कदम उठाए जाएंगे, ताकि हैदरपुर वेटलैंड को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके। 6900 हेक्टेयर में फैला हुआ है हैदरपुर वेटलैंड हैदरपुर वेटलैंड पॉइंट रामराज कोतवाली क्षेत्र के बराज के पास स्थित है और जैव विविधता के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है। यह स्थल लगभग 6900 हेक्टेयर में फैला हुआ है और यहां डॉलफिन, घड़ियाल और प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जो इसे पर्यावरणीय दृष्टि से विशेष महत्व प्रदान करती हैं। यह स्थल न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।