दंगे की सूचना जिले भर की पुलिस दौड़ पड़ी। दंगाईयों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पथराव कर दिया। दंगाईयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके बाद भी दंगाई नहीं भागे तो हवाई फायरिंंग की गई। फायर बिग्रेड की टीम ने दंगाईयों पर पानी की बौछार करके उनको भगाया। जवानों ने दंगाईयों का जमकर मुकाबला किया। ये सब हकीकत जैसा था लेकिन ये एक मॉकड्रिल थी। मेरठ पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड में गुरुवार को दंगा नियंत्रण परेड का अभ्यास कराया गया। रिहर्सल में अचानक पुलिस फोर्स को टास्क दिया गया कि दंगाई एकत्र हो गए। इसके बाद दंगाईयाें पर काबू पाने के लिए 10 टीम बनाई गईं। इनमें एलआईयू, नागरिक पुलिस, घुड़सवार पुलिस, फायर सर्विस, लाठी पार्टी, अश्रु गैस पार्टी, फायरिंग पार्टी, फस्ट एडं पार्टी, फोटोग्रॉफी पार्टी, और रिजर्व पार्टी टीम गठित की गई। इन सभी को बताया गया कि ऐसे माहौल में किसको क्या काम करना है। दंगे के दौरान की जाने वाली विधिक कार्रवाई के साथ ही उससे निपटने का अभ्यास कराया गया। दंगा नियंत्रण परेड अभ्यास के दौरान टीमों द्वारा टीएस शैल एन खोखा-36, रबर बुलेट-13, स्टन ग्रेनेड-01, 303 के ब्लैंक कारतूस-71, टीएस ग्रेनेड-03 व प्लास्टिक पलेटस-41 एम्यूुनेशन-म्यूनेशन का प्रयोग किया गया। ड्रिल में डीआईजी कलानिधि नैथानी, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा, एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा, सभी सीओ और थानेदार मौजूद रहे। दंगा नियंत्रण ड्रिल का संचालन व टीमों का गठन पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक हरपाल सिंह द्वारा किया गया।