मेरठ में पुलिस ने गौकशी के बड़े गिरोह को पकड़ा है। इसमें 2 आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में गोली लगी है जबकि अन्य 4 को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वो मोटा मुनाफा कमाने के लिए भैंस के मांस में गोवंश का मीट मिलाकर बेच देते थे। इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही थी। वहीं पकड़े न जाएं इसलिए पशु अवशेषों को बोरों में भरकर नाले में बहा देते थे। गौकशों का पूरा कुबूलनामा पढ़िए…. मुठभेड़ में अरेस्ट हुए 6 गौकश
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया- नौचंदी थाना क्षेत्र के सूरजकुंड के मोहनपुरी नाले में पशु अवशेष बहते मिले थे। इसके बाद सीओ सिविल लाइन, नौचंदी थाना पुलिस और स्वाट टीम मिलकर गौकशों को पकड़ने में लगी थी। पुलिस ने पूरे गिरोह को अरेस्ट किया है। इसमें सलीम अट्टा, साजिद, नज्जू, शाहबाज कुरैशी, रियाजुददीन और शरीफ को अरेस्ट किया गया है। आवारा पशुओं को पकड़कर काटते थे
गौकशों ने बताया- ये आवारा पशुओं को लेकर आते थे। पहले कोशिश करते थे कि पशुओं को ऐसे ही बेच दें। लेकिन जब पशु नहीं बिकते थे तो खेतों में सुनसान जगह पर ले जाकर उनको काटते थे। इसके लिए पशुओं को इंजेक्शन लगाकर बेहोश करते, फिर काटते थे। कटान के बाद गोवंश के मीट को भैंस के मांस के साथ मिक्स कर देते थे। 8 हजार रुपए में बेचते थे गाय का मांस
इस मिक्स मीट को कसाइयों को ले जाकर बेच देते थे। पुलिस ने 2 कसाइयों को भी अरेस्ट किया है। जो इनसे मिलावटी मीट खरीदकर बेचते थे। गौकशों ने बताया कि गोवंश का मीट 80 रुपए किलो में बिकता है जबकि भैंस का मांस 280 रुपए किलो में बेचते हैं। इसलिए हम भैंस के मांस की क्वांटिटी बढ़ाने के लिए उसमें गाय का मीट मिला देते थे। नाले में बहा देते थे गाय का सिर और खाल
बताया कि जो मांस या पशु अवशेष बच जाते थे उसे हम लोग बोरों में भरकर नाले में बहा देते थे। ताकि पुलिस को हम पर शक न हो। इस तरह मोहनपुरी नाले में अक्सर हम गाय के अवशेष बहाते थे। गाय की खाल और सिर को हम लोग नाले में बहाते थे। इसलिए आज तक पुलिस हमें अरेस्ट नहीं कर सकी।