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मेरठ में 842 विवेचनाएं छह माह से पेडिंग:डीआइजी ने की विवेचनाओं की समीक्षा शुरू

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मेरठ में डीआइजी ने विवेचनाओं की समीक्षा शुरू कर दी। मेरठ में 842 विवेचनाएं छह माह से अधिक समय से पेडिंग हैं। डीआइजी ने स्पष्ट कर दिया कि पेडिंग विवेचना रखने वाले विवेचक की प्रारंभिक जांच खोल दी जाएगी। सर्किल के अफसरों से भी पेडिंग विवेचना में जवाब तलब किया जाएगा।
डीआइजी कला निधि नैथानी ने रेंज के चार जनपदों के सीसीटीएनएस पोर्टल से छह माह से अधिक समय से लंबित विवेचनाओं को डाटा बेस तैयार किया है। पोर्टल से पता लगा कि रेंज में 1488 विवेचना लंबित हैं। मेरठ में 842, बुलंदशहर में 330, बागपत में 185, हापुड़ में 131 विवेचना पेडिंग मिली। मेरठ के सर्किल कोतवाली में 102, ब्रहमपुरी में 152, कैंट में 25, सिविल लाइन में 152, दौराला में 109, किठौर में 28, मवाना में 121, सरधना में 102, सदर देहात में 109, सीओ अपराध पर 42 यानि जनपद में कुल 842 विवेचनाएं पेडिंग हैं। बुलंदशहर के सर्किल नगर में 82, सिकंदराबाद में 71, स्याना में 20, खुर्जा में 72, शिकारपुर में 40, अनूपशहर में 28, डिबाई में 17 यानि बुलंदशहर में कुल 330 विवेचनाएं। इसी तरह से बागपत के सर्किल नगर में 67, बड़ौत में 68, खेकड़ा में 50 बागपत में कुल 185 विवेचनाएं और हापुड़ के सर्किल नगर में 65, गढ़मुक्तेश्वर में 33, पिलखुवा में 33 यानि हापुड़ में कुल 131 विवेचनाएं लंबित हैं। विवेचनाओं का निस्तारण समय से नहीं होने की वजह प्रमुख कारण भ्रष्टाचार है। देरी के चलते ही आरोपित सेटिंग कर लेते हैं। डीआइजी ने कहा कि परिक्षेत्र के सभी क्षेत्राधिकारी लंबित विवेचनाओं का निस्तारण करें। विवेचनाओं के अधिक अवधि तक लंबित रहने में लापरवाही संज्ञान में आने पर संबंधित खिलाफ प्रतिकूल दृष्टिकोण अपनाया जायेगा।

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