क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टावरों से चोरी करने वाले अंतर स्टेट गिरोह के पांच शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से चोरी का करीब 7 करोड़ रूपय कीमत के महंगे उपकरण बरामद किए हैं। यह गैंग एनसीआर में मोबाइल टावरों को निशाना बनाता था। क्राइम ब्रांच व वेव सिटी पुलिस ने दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्यप्रदेश व असम में एयरटेल व जिओ कम्पनी के मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट, बेसबैंड यूनिट और इलेक्ट्रानिक डिवाइस चोरी करते थे। कबाड़ के काम से करोड़ों की चोरी अपर पुलिस उपायुक्त क्राइम सच्चिदानन्द ने बताया कि इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच अब्दुर रहमान की टीम ने यह गिरफ्तारी की है। पकडे़ गये शातिर शाहरूख मलिक ने बताया कि उसने बीए कि वर्ष में अपनी शिक्षा छोड दी थी। पढाई छोडने के बाद उसने कुछ समय बिरयानी की दुकान खोली थी तथा उसके बाद वर्ष 2021 से अपने पिता के साथ कबाड का काम करने लगा। उसका भाई नईम भी कबाड का काम करता था। नईम, जावेद मीरापुरिया के सम्पर्क में आकर मोबाइल टावरों से चोरी किये गये इलेक्ट्रानिक डिवाइसों की खरीद-फरोख्त मे लग गया और नईम के साथ ही शाहरूख भी यह काम करने लगा। करीब 8 माह पहले नईम आरआरयू की चोरी मे गाजियाबाद से जेल चला गया था। नईम की गिरफ्तारी पर उस समय 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। नईम के जेल जाने के बाद शाहरूख ने नईम का काम संभाल लिया और अपने चचेरे भाई फईम के साथ मिलकर कार्य करने लगा। वसीम भी कबाड़ का काम करता था वसीम मलिक से पूछताछ कि तो उसने बताया कि वह कक्षा-2 तक पढने के बाद पढाई छोड दी थी। अपने पिता के साथ रांची चला गया जो वहां कबाड का काम करते थे। करीब 8 से 10 साल वहां काम करने के बाद वापस मेरठ आ गया। वसीम गाजियाबाद, मेरठ में कबाड की फेरी करने लगा। इसी बीच वसीम की मुलाकात जावेद मीरापुर से हुई उसने वसीम को आरआरयू के काम के बारे मे बताया, ज्यादा फायदे के लालच मे आकर वसीम ने मोबाइल टावरों से चोरी का माल लेकर शाहरूख व उसके भाई नईम को देना शुरू कर दिया। पकड़ा गया अनस भी दसवीं फेल है। साहिल पहले सरिया बांधने का काम करता था। दिन में करते थे रेकी पुलिस ने बताया कि यह दिन में कबाडे़ की फेरी करके कबाड का काम करते। और जिस मोबाइल टावरों से इनको चोरी करनी होती है उसको ये लोग दिन के समय ही कबाड कि फेरी करते हुए चिन्हित कर लेते है। घटना स्थल पर जाने के लिए गाडी का इन्तजाम शाहरूख व वसीम व गोल्डी उर्फ फरहान करते हैं। रात के समय मे गाडियों से ये लोग चिन्हित किये गये टावर पर पहुंच जाते है और इनके दो-तीन साथी मोबाइल टावर पर चढ जाते है और औजारों की मदद से उसमे लगे रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती सामान चोरी कर लेते है। वहां लगे कैमरे हो जाते तो उन्हें तोड़ जाते थे। उसके बाद इस सामान को बेचकर पैसों का बांट लेते थे।