लखनऊ हाईकोर्ट ने यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के आदेश को खारिज कर दिया। कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान बैंक के 600 करोड़ रुपए की वसूली के लक्ष्य में कर्मचारियों के वेतन वसूली लक्ष्य को जोड़ने का आदेश पलट दिया। 660 करोड़ रुपए की वसूली न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने कमल कृष्ण मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के पश्चात आदेश पारित किया। यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड ने 2 जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि बैंक की सुचारु कार्य प्रणाली के लिए, वित्तीय वर्ष में 660 करोड़ रुपए की वसूली अनिवार्य है। शाखाओं और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन का भुगतान उक्त आदेश में निर्धारित वसूली के आधार पर किया जाएगा। लाभ याचिकाकर्ता को मिलेगा याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि इस आदेश के आधार पर जुलाई 2024 से उसे वेतन नहीं दिया गया है। सुनवाई के समय न्यायालय ने पाया कि यह आदेश कोआपरेटिव सोसाइटी के सेवा नियमावली के खिलाफ है। इस आधार पर न्यायालय ने 2 जुलाई के आदेश को निरस्त कर दिया, साथ ही यह भी कहा कि इस आदेश का लाभ याचिकाकर्ता को ही मिलेगा।