इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएचडी छात्रा का यौन शोषण करने के मामले में कानपुर में तैनात एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मोहसिन खान की याचिका पर न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान व न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। आईआईटी से पीएचडी कर रही छात्रा ने कल्याणपुर थाने में एसीपी मोहसिन खान पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि एसीपी उससे तीन दिसंबर 2023 को पहली बार एक कार्यक्रम में मिले थे। इसके बाद जून 2024 में उससे संपर्क किया और आईआईटी कानपुर में पीएचडी में प्रवेश के लिए मदद मांगी। इस पर उनकी मदद की और योग्यता के आधार पर उन्हें प्रवेश मिल गया। बाद में दोनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हो गए। इसी दौरान एसीपी ने अपनी पत्नी को तलाक देकर उससे शादी का वादा कर संबंध बनाया। ACP ने की थी FIR रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग एसीपी ने दर्ज एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की। याची के अधिवक्ता ने दलील दी एफआईआर में छात्रा की ओर से लगाए गए आरोप झूठ का पुलिंदा है। उसे यह जानकारी थी कि मोहसिन शादीशुदा है तब भी उसने अपनी मर्जी से संबंध बनाए। वह पढ़ी-लिखी महिला है। उसका यह कहना कि झांसा देकर संबंध बनाया गया, समझ से परे हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एसीपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।