भगवान श्री कृष्ण की आल्हादिनी शक्ति राधा रानी के अनन्य भक्त हैं। भक्त राधा रानी को अपने अपने तरीके से श्रद्धा भाव अर्पित करते हैं। इन्हीं भक्तों में से चेन्नई के एक ट्रस्ट ने राधा रानी की अष्ट सखियों की प्रतिमा बनवाई हैं। यह प्रतिमा चांदी से बनी हैं और उनकी अनुमानित कीमत करीब एक करोड़ रुपए मानी जा रही है। यह प्रतिमा मथुरा के बरसाना स्थित श्री जी मंदिर के गोस्वामी समाज के सुपुर्द कर दिया है। चेन्नई के ट्रस्ट ने बनवाईं प्रतिमा चेन्नई के ट्रस्ट जय हनुमान द्वारा राधा रानी की अष्ट सखियों की प्रतिमा बनवाई गईं। चांदी से बनवाई गई इन प्रतिमाओं को मंदिर के पुजारी दाऊ दयाल गोस्वामी को सुपुर्द कर दीं। दाऊ दयाल गोस्वामी ने मंदिर के अन्य पुजारी बुलाकर कमेटी को सुपुर्द कर दीं। इन प्रतिमाओं की कीमत लगभग एक करोड़ रुपए मानी जा रही है। अष्ट सखियों ने धारण की पीली पोशाक पूर्णिमा पर इन सखियों को श्री जी मंदिर में राधा रानी के दोनों तरफ अलग पट्टे पर विराजमान किया गया। पीली पोशाक धारण किए अष्ट सखियों की राधा रानी के बाद श्रृंगार आरती की गई। इसके पश्चात 56 भोग अर्पित किए गए। इसके बाद भक्तों को दर्शन कराए गए। इन अष्ट सखियों के साथ पहले से मंदिर में विराजमान दो सखियों की भी प्रतिमा को विराजमान किया गया। आनंद से सराबोर हुए भक्त राधा रानी के साथ उनकी सखियों की प्रतिमा के दर्शन कर मंदिर में मौजूद भक्त आनंद में सराबोर हो गए। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर राधा रानी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। दक्षिण भारत के सिंगनोर में बनवाईं गई इन प्रतिमाओं को राधा रानी के साथ विराजमान किया गया तो लगा द्वापर युग आ गया। द्वापर युग में राधा रानी जिस तरह सखियों के साथ खेलती थीं सखियां उनकी सेवा करती वही भाव भक्तों को नजर आया। किसी के हाथ में तानपुरा तो किसी ने धारण किया कलश जय हनुमान ट्रस्ट के अध्यक्ष मुरलीधर स्वामी ने बताया कि यह सभी प्रतिमा उनके ट्रस्टियों द्वारा बनवाई गई है। यह सब राधारानी की प्रेरणा से संभव हुआ है। ट्रस्ट द्वारा बनवाई गई अष्ट सखियों में से किसी सखी के हाथ में तानपुरा है,किसी के हाथ में हार,किसी के हाथ में कलश है तो किसी के हाथ में थाल। आठ सखियों में ललिता,विशाखा,चित्रा,रंग देवी,सुदेवी,तुंग विद्या,इन्दुलेखा और चंपकलता थीं। दो घंटे बाद हटाई प्रतिमा अष्ट सखियों की प्रतिमा राधा रानी के पास विराजमान की गईं तो मंदिर के कुछ सेवायतों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। जिसके दो घंटे बाद इन प्रतिमाओं को हटा दिया गया। प्रतिमा हटाने से ट्रस्ट के पदाधिकारी मायूस हो गए। बताया गया कि कई महीने पहले गोस्वामी समाज ने लिखित में स्वीकृति दी थी लेकिन इसके बावजूद कुछ गोस्वामी विरोध कर रहे थे। जिसके बाद प्रतिमाओं को हटा दिया गया। प्रबंधन ने कहा उनको नहीं है जानकारी श्री जी मंदिर के रिसीवर सुशील गोस्वामी ने बताया सुना है ट्रस्ट ने प्रतिमा मंदिर के गोस्वामी को दी। जिसके बाद गोस्वामी ने समाज को वह सुपुर्द कर दीं। विरोध क्यों किया इसकी जानकारी नहीं हैं। फिलहाल सभी प्रतिमा गोस्वामी समाज के पास हैं और जहां पहले बनी दो सखियों की प्रतिमा रखी हैं वहीं उनको रख दिया गया है। सुशील गोस्वामी ने बताया प्रत्येक प्रतिमा का बजन करीब 20 किलो है।