Drishyamindia

राधा दामोदर मंदिर में शुरू हुई शीतकालीन सेवा:ठंड बढ़ने से बदली रागभोग सेवा, भगवान को धारण कराए गर्म वस्त्र

Advertisement

मथुरा के वृंदावन में स्थित प्राचीन सप्त देवालयों में से एक राधा दामोदर मंदिर में व्यंजन द्वादशी से शीतकालीन सेवा शुरू हो गई। ठंड का प्रकोप बढ़ते ही भगवान को ऊनी वस्त्र धारण कराए जाने शुरू हो गए तो वहीं गर्माहट देने के लिए उनके आगे अंगीठी रखना शुरू कर दिया गया है। मनाई गई व्यंजन द्वादशी वृंदावन के सप्त देवालयों में से एक सुप्रसिद्ध ठाकुर राधा दामोदर मंदिर में मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी पर व्यंजन द्वादशी मनाई गई। ठाकुरजी को कच्चे-पक्के व्यंजनों के भोग लगाया गया। मंदिरों में छप्पन भोग का भी आयोजन किया गया। व्यंजन द्वादशी से ही मंदिर में शीतकालीन सेवा शुरू हो गई। भगवान को धारण कराए जा रहे मफलर, जुराब और दस्ताने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मंदिर के सेवायत आचार्य कृष्ण बलराम गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी को नवीन गर्म ऊनी पोशाक धारण कराई गई। मंदिर में ठाकुर के खानपान व पहनावे में भी बदलाव प्रारंभ हो जाता है। अब मंदिर में गर्भ गृह में हीटर और अंगीठी लगाना शुरू हो गया है। इसके अलावा भगवान को गर्म पोशाक में मफलर, जुराब और दस्ताने धारण करवाए जा रहे है। भगवान के आगे रखी जाने लगी अंगीठी मंदिर की मां गोसाई तरुलता गोस्वामी के सान्निध्य में व्यंजन द्वादशी उत्सव का आयोजन किया गया। मंदिर के सेवायत आचार्य पूर्ण चंद्र गोस्वामी एवं करुण गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी को पीली केसरिया द्वादशी व अंगरखी पोशाक धारण करवाई गई। इसके साथ ही विशेष अलंकार धारण करवाए गए है। ठाकुर जी को अन्नकूट प्रसाद का भोग लगाया गया। ठाकुर जी को शयन के समय गुलीबंद और रजाई ओढ़ाना शुरू किया जाएगा। आज से ही ठाकुर जी के समक्ष चांदी की अंगीठी भी जलना शुरू हो जाता है। इस अवसर पर मंदिर में उपस्थित सभी संतो महंतों एवं भक्तों ने अन्नकूट प्रसाद ग्रहण किया। माताओं को वितरित किए कंबल ठाकुर राधा दामोदर मंदिर में मंदिर के गोसाई आचार्य कनिका प्रसाद गोस्वामी महाराज की अध्यक्षता में बुजुर्ग विधवा माताओं के लिए कंबल वितरण का आयोजन किया गया। इस मौके पर बोलते हुए ठाकुर राधा दामोदर लाल के अंग सेवी आचार्य दामोदर चंद्र गोस्वामी महाराज ने बताया कि श्री राधा दामोदर मंदिर सदैव ही दीन दुखियों, विधवा माताओं और साधु संतों की सेवा में कार्यरत रहता है। दीन दुखियों की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने से कम नहीं है। जरूरतमंदों की जरूरत पूरी करना हमारा कर्तव्य भी है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हमेशा दीन दुखियों की सेवा एवं सहायता करनी चाहिए। दीन दुखियों व लाचार लोगों की मदद को आगे बढ़कर काम करना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े