60 फीसदी मुस्लिम वोटर्स वाली कुंदरकी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की जमानत जब्त कराने वाले भाजपा विधायक रामवीर सिंह ठाकुर ने संभल हिंसा को लेकर नया खुलासा किया है। रामवीर ने दावा किया है कि संभल हिंसा की नींव कुंदरकी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक हाजी रिजवान ने रखी थी। रिजवान का मकसद कुंदरकी उपचुनाव में वोटिंग से पहले दंगा भड़काकर वोटों का ध्रुवीकरण करना था। कुंदरकी के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक रामवीर सिंह ठाकुर ने दावा किया है कि संभल कोर्ट में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए जो दावा कोर्ट में पेश किया गया है, उसके पीछे हाजी रिजवान हैं। ये दावा हाजी रिजवान ने ही कोर्ट में डलवाया था। विधायक रामवीर ने कहा- कुंदरकी उपचुनाव में मुस्लिमों का बड़े पैमाने पर भाजपा को समर्थन मिलता देख हाजी रिजवान डर गए थे। जिसकी वजह से उन्होंने कुंदरकी विधासनसभा क्षेत्र के गांव अक्का डिलारी के एक महंत के माध्यम से संभल की कोर्ट में वहां की जामा मस्जिद को लेकर दावा दाखिल कराया। भाजपा विधायक ने मीडिया से बातचीत में कहा, हाजी रिजवान समझ गए थे कि ध्रुवीकरण नहीं हुआ तो उनकी शर्मनाक हार तय है। इसलिए मुस्लिमों को भाजपा से दूर करने के लिए वो 7 नवंबर को कुंदरकी क्षेत्र में धार्मिक हिंसा कराना चाहते थे। लेकिन स्थानीय प्रशासन की चौकसी की वजह से वो ऐसा कर नही सके। इसके बाद उन्होंने कुंदरकी क्षेत्र में धर्म स्थलों और धार्मिक पुस्तकों को लेकर भी माहौल खराब करने कीसाजिश रची लेकिन इसमें कामयाब नहीं हो सके। भाजपा विधायक ने दावा किया है कि जब हाजी रिजवान कुंदरकी में माहौल खराब नहीं कर सके तो उन्होंने हमारी कुंदरकी विधानसभा के गांव अक्का डिलारी के एक महंत से संभल की जामा मस्जिद पर कोर्ट में दावा करा दिया। रामवीर बोले-संभल की हिंसा और वहां मस्जिद पर हुए दावे में हाजी रिजवान पूरी तरह से संलिप्त हैं। उनकी ये कोशिश थी कि ये विवाद किसी भी तरह 17,18 या 19 नवंबर को हो जाए। ताकि पड़ोस जिले में हुई घटना से कुंदरकी उपचुनाव में मुस्लिम भाजपा से दूरी बना लें। रामवीर बोले- ईश्वर की नजर सीधी थी कि ये बवाल वोटिंग के बाद हुआ। भाजपा विधायक ने कहा, संभल हिंसा की नींव सपा के पूर्व विधायक हाजी रिजवान ने डाली और बाद में इसका स्वरूप संभल के दो राजनीतिक परिवारों ने बदला। इन दो परिवारों की आपसी रंजिश ने हिंसा को भड़काया। ये परिवार एक दूसरे को देखना नहीं चाहते है। एक ही दल में हैं। एक एमपी हैं और एक एमएलए हैं। एक दूसरे हो हराना और मिटाना चाहते हैं। कार्यकर्ताओं की मदद से एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए् दोनों ने ऐसा किया। कुंदरकी की जीत से ध्यान हटाने के लिए भी सपा ने संभल में हिंसा को भड़काया।