हाथरस में आज चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी गांव में अचानक विपक्ष के नेता राहुल गांधी पहुंच गए। राहुल गांधी के आने की सूचना स्थानीय प्रशासन को सुबह हुई तो अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। प्रशासन ने आनन-फानन में जगह-जगह पर बैरीकेडिंग लगवाई और बूलगढ़ी को जाने वाले रास्ते पर आवागमन रोक दिया। सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई। राहुल गांधी बूलगढ़ी में 4 साल पहले दरिंदगी की शिकार हुई एक दलित युवती के परिजनों से मिलने पहुंचे। सितंबर 2020 में इस युवती के साथ दरिंदगी कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद 2020 में भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इस परिवार से आकर मिले थे। यह परिवार लंबे समय से उत्तर प्रदेश सरकार से एक आवास और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहा है, लेकिन परिवार की यह मांग पूरी नहीं हुई है। इसे लेकर इस युवती के पिता ने जुलाई के महीने में राहुल गांधी को पत्र भी लिखा था। कल पीड़ित परिवार के यहां पैमाइश करने गई थी टीम
इधर, कल एसडीएम सदर नीरज शर्मा की अगुआई में एक टीम इस घर की पैमाइश करने के लिए पहुंची थी, लेकिन इन लोगों ने इस टीम को यह कहकर वापस लौटा दिया था कि पहले वह न्यायालय का आदेश लेकर आएं तब पैमाइश करें। इसकी जानकारी मृतका के भाई ने राहुल गांधी को दी थी। आज राहुल गांधी एकाएक इस परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिवार के सदस्यों का हाल-चाल जाना। करीब 45 मिनट तक राहुल गांधी ने एकांत में परिवार के सदस्यों से बातचीत की। मीडिया से बिना बात किए निकल गए राहुल
उन्होंने वहां पर डीएम और एसडीएम को भी बुलाया, लेकिन दोनों में से कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं था। इसके बाद राहुल गांधी बिना मीडिया से बातचीत किए हुए वहां से चले गए। राहुल गांधी के जाने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। युवती की हत्या के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह परिवार सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच रह रहा है। राहुल के जाने के बाद इस परिवार ने भी मीडिया से बातचीत नहीं की। न्यायालय ने नहीं माना था रेप का मामला
गांव बूलगढी़ कांड की बात करें तो साल 2020 में यह कांड काफी चर्चित रहा था। 14 सितंबर 2020 को इस गांव की एक दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। इसमें गांव के चार युवकों को नामजद किया गया था। 29 सितंबर को इस युवती ने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया था। प्रशासन ने उसके परिवार के लोगों की इच्छा के बिना उसके शव का मध्य रात्रि में अंतिम संस्कार कर दिया था। इसे लेकर योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। गैरइरादतन हत्या में एक को सुनाई थी उम्रकैद की सजा
इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने चारों आरोपियों रामू, लवकुश, संदीप और रवि के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें गैंगरेप और हत्या की बात कही गई थी। इस मामले की सुनवाई कर स्पेशल कोर्ट एससी (एसटी एक्ट) ने फैसला सुनाया था। इसमें तीन आरोपियों रामू लवकुश और रवि को दोषमुक्त कर दिया था। न्यायालय ने इसे रेप का मामला भी नहीं माना था। चौथे आरोपी संदीप को न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या और एससी एसटी एक्ट का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले- परिवार से राहुल के आत्मीय संबंध
रामू लवकुश और रवि फैसले के बाद जेल से बाहर आ चुके हैं, जबकि संदीप अभी जेल में बंद है। अब राहुल गांधी के फिर बूलगढ़ी में आने से यह मामला सुर्खियों में आ गया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का कहना है कि राहुल गांधी पहले भी इस परिवार से मिल चुके हैं। इस परिवार से उनके आत्मीय संबंध हैं। इस परिवार से सरकार ने जो वादा किया था वह पूरा नहीं हुआ है। राहुल गांधी आज इस परिवार से मिलने आए थे।