कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बरेली कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। मामला लोकसभा चुनाव के दौरान दिए बयान से जुड़ा है। कोर्ट ने राहुल को 7 जनवरी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। बरेली में हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने राहुल के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसमें उन पर वोटों के लिए समुदाय विशेष को लालच देने का आरोप लगाया। कोर्ट ने इसी मामले में संज्ञान लिया है। अब पढ़िए पूरा मामला…
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि हमारी सरकार आने पर आर्थिक सर्वेक्षण कराएंगे। उसी आधार पर अधिक संपत्ति वाले से लेकर कम संपत्ति वालों को दी जाएगी। हालांकि, राहुल गांधी सरकार नहीं बना सके और कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फिर गया। राहुल के इस बयान का चुनाव के दौरान भी विरोध हुआ था। हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने कहा था कि राहुल गांधी एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए ऐसे बयान देते हैं। लेकिन इससे हिंदू समुदाय में भय का माहौल पैदा हो गया। इसके बाद बरेली कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर किया था। याचिका को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल द्विवेदी ने बताया- इस बयान से दो समुदाय के लोगों के बीच दरार पैदा होती है। डर का माहौल भी बनता है। विपक्षी राजनैतिक अनुचित लाभ के लिए वर्गों को सीधे-सीधे उकसाने के लिए लोगों से एक न्यू पॉलिटिक्स शुरू करने की बात की गई। राहुल ने मुस्लिमों को खुश करने के लिए ऐसा किया
पंकज पाठक ने कहा कि राहुल गांधी का ये बयान मुस्लिम समुदाय को खुश करने और हिंदुओं से उनकी संपत्ति छीनने को लेकर था। जिससे वो बहुत आहत हुए। इसी वजह से उन्होंने राहुल के खिलाफ याचिका दायर की थी। संपत्ति के अधिकार को लेकर तथ्य समझिए
अनुच्छेद 300ए के तहत प्रॉपर्टी संवैधानिक अधिकार है। किसी भी वर्ग समुदाय, जाति या व्यक्ति की संपत्ति को इस आधार पर कि अमुक जाति या वर्ग इतने प्रतिशत होते हुए भी इतने ही प्रतिशत संपत्ति धारण कर रहा है, उनसे लेना कम प्रतिशत वाले लोगों के अधिकार की बात है। यह पूरी तरह से गलत है। राहुल की नागरिकता मामले में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से मांगा जवाब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने के मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से जवाब मांगा है। कर्नाटक के एस. विग्नेश शिशिर ने राहुल के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस पर गुरुवार (19 दिसंबर) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में गृह मंत्रालय को आठ सप्ताह का समय दिया है। जिसमें अब अगली सुनवाई 24 मार्च, 2025 को होगी। एस. विग्नेश शिशिर ने याचिका में दावा किया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। उनकी भारतीय नागरिकता रद्द की जानी चाहिए। विग्नेश के मुताबिक, उन्होंने ब्रिटिश सरकार के कुछ ईमेल और दस्तावेज जुटाए हैं। ये राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता का सबूत हैं। …………………………. ये खबर भी पढ़िए… धक्का-मुक्की केस- महिला आयोग की राहुल पर कार्रवाई की मांग:कहा- वे सांसद पर चिल्लाए; पीड़ित सांसद का दावा- राहुल करीब आए, असहज लगा संसद परिसर धक्का-मुक्की केस में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति से नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। NCW की अध्यक्ष विजया राहतकर ने शुक्रवार को नागालैंड की सांसद फांगनोन कोन्यक के साथ कथित तौर पर हुए दुर्व्यवहार पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि संसद में महिलाओं के सम्मान, समानता और गरिमा को बनाए रखना बहुत जरूरी है। पढ़िए पूरी खबर