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रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत से मालगोदाम में हुआ काम:आगरा में बिल्डर ने अपना गार्ड बैठाया, रात में काम करने के लिए स्ट्रीट लाइट लगाई गई थीं

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रेलवे ने भले ही गणपति बिल्डर पर अनधिकृत रूप से गधापाड़ा मालगोदाम में प्रवेश को लेकर एफआईआर दर्ज कराई हो लेकिन ये सब रेलवे की मिलीभगत से हुआ। गर्दन फंसती देख रेलवे ने बिल्डर से पल्ला झाड़ा। क्योंकि बिल्डर ने एक नहीं बल्कि लगभग 15 दिन तक मालगोदाम में काम किया। इसके लिए बिल्डर ने मालगोदाम के गेट पर न सिर्फ अपना गार्ड बैठाया था बल्कि उसने रात में काम करने के लिए स्ट्रीट लाइट भी लगवाई थीं। खंबे भी लगाए थे। हरियाली को नष्ट करने के लिए दिन-रात काम किया गया। इतना ही नहीं, मैदान को भी समतल किया गया।
इस बीच रेलवे ने न तो बिल्डर को रोका और न ही शिकायत दर्ज कराई। रेलवे तब हरकत में आया, जब मामला सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) तक पहुंचा। खुद की गर्दन फंसते देख बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
ये उठ रहे सवाल रेलवे ने ये लगाया आरोप
रेलवे मालगोदाम जमीन मामले में गणपति इन्फ्रास्ट्र्चर डेवलपमेंट कंपनी और गणपति लीजिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्ता-धर्ता अब मुसीबत में फंस गए हैं। रेल लैंड डेवलपमेंट अथॊरिटी (आरएलडीए) ने अभी सिर्फ गधापाड़ा मालगोदाम की जमीन का आवंटन लेटर ही दिया था। भूमि हस्तांतरण से पहले ही मालगोदाम के अंदर प्रवेश कर गए।
ये रिपोर्ट दर्ज कराई गई
थाना हरीपर्वत में रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश कुमार द्वारा 20 दिसंबर को दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बीएनएस की धारा 329 (3), भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 और 10 लगाई गई हैं।
दर्ज रिपोर्ट के अनुसार रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने अपने 19 दिसंबर 2024 के पत्र में अवगत कराया है कि गधापाड़ा, बेलनगंज में रेलवे का पुराना मालगोदाम है। इस मालगोदाम परिक्षेत्र में गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, 94 गणपति स्क्वायर, विजय नगर कॊलोनी द्वारा अनधिकृत रूप से प्रवेश कर परिक्षेत्र में स्थित 23 हरे पेड़ों को काट दिया गया है।
ये था मामला
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने गधापाड़ा मालगोदाम फ्रीगंज की 90,304 वर्ग मीटर जमीन को 99 वर्षों के लिए पट्‌टे पर दिया गया है। जिस बिल्डर को यह जमीन दी गई है, वह यहां आवासीय प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए यहां पेड़ों को काटकर जलाया गया है।
बताया जा रहा है कि 90,304 वर्ग मीटर जमीन में 77,225 वर्ग मीटर जमीन पर ग्रीन बेल्ट थी। याचिकाकर्ता डा. शरद गुप्ता ने बताया कि मालगोदाम की जमीन के अंदर बड़ा तालाब और नाला भी निकल रहा है। पांच शेड के अलावा जो जगह है, वहां पुराने पेड़ खड़े हैं। जिन्हें काटकर जमीन फ्लैट बनाने के लिए समतल की जा रही है।

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