लखनऊ में बाघ की दस्तक ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। रहमानखेड़ा के जंगलों में टाइगर के पंजों के निशान मिले। इसके बाद एक नील गाय मृत पाई गई। अब हाफिजखेड़ा के मूलचंद ने खेत के पास बाघ देखा। वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने के लिए पर्चे बांटे हैं। बाघ देखने के दावे की पुष्टि के लिए दैनिक भास्कर टीम ने ग्राउंड रिपोर्ट की। इस दौरान बाघ के पंजों के निशान मिले। रहमानखेड़ा और आसपास के बागों, खेतों और बेतवा नाले तक करीब डेढ़ किलोमीटर में पंजों के 2000 से अधिक निशान दिखाई दिए। देखें बाघ के पैरों के निशान वाली तस्वीरें… बाघ के पैर के पंजों के निशान स्पष्ट दिखे
दैनिक भास्कर टीम ने बाघ देखने वाले मूलचंद को साथ लेकर ट्रैकिंग शुरू की। धूल भरी जमीन और नम क्षेत्र में पंजों के निशान स्पष्ट दिखे। हाफिजखेड़ा के बाग से बेतवा नाले और फिर बटोली जंगल तक ऐसे निशान दिखते चले गए। प्रत्यक्षदर्शी मूलचंद ने बताया कि ‘दोपहर करीब 1:30 बजे मैंने बाघ को अपने खेत के पास देखा। वह 100 मीटर दूर था और बेतवा नाले की ओर बढ़ रहा था। मैंने डरते-डरते उसे जाते हुए देखता रहा। तुरंत आसपास के लोगों को सतर्क किया। मैंने पहली बार इस इलाके में बाघ देखा।’ बेतवा नाले तक मिले पंजों के निशान
स्थानीय निवासी जगदीश ने बताया कि ‘सूचना मिलते ही मैं बाघ के पद चिह्न देखने खेत की तरफ गया। बाघ के पंजे के निशान नाले तक दिखाई दिए। ऐसा लगता है कि वह भटक कर आबादी एरिया में पहुंच गया है। अब हम लोग खेतों में अकेले जाने से डर रहे हैं।’ स्थानीय किसान समीर ने बताया कि ‘बाघ के पंजे के निशान बेतवा नाले तक हैं। हमने खुद देखा कि वह खेतों और रास्तों से होते हुए आगे बढ़ा था। गांव वालों में डर है, लेकिन वन विभाग की टीम का अब तक कोई ठोस कदम नहीं दिखाई दिया।’ महिला किसान बोली- खेत में जाने से डर लगता है
महिला किसान शांति देवी ने कहा कि ‘हम खेतों में रोज चारा काटने जाते हैं, लेकिन अब डर लग रहा है। बाघ के डर से मवेशियों को भी बांधकर रखना पड़ रहा है। पिंजरा तो लगाया गया है, लेकिन बाघ का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है।’ किसान रामप्रकाश ने बताया- ‘हमने वन विभाग को कई बार सूचना दी, लेकिन उनके इंतजाम बहुत धीमे हैं। पंपलेट बांटने से कुछ नहीं होगा? बाघ को पकड़ना सबसे जरूरी है। खेतों और जंगल के आसपास का इलाका असुरक्षित हो गया है।’ कांबिंग ऑपरेशन की मौजूदा स्थिति
DFO शांतनु पांडे ने कहा कि हाफिजखेड़ा क्षेत्र में बाघ देखे जाने की पुष्टि हुई है। हम ड्रोन और कैमरों की मदद से बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इलाके में पिंजरे लगाए गए हैं। साथ ही गांव वालों को अलर्ट किया जा रहा है। बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने की पूरी कोशिश हो रही है। हमारी 15 सदस्य टीम अलग-अलग जगह काबिंग कर रही है। वन विभाग की टीम और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया मिलकर बाघ को ट्रैक कर रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि अभी तक सफलता नहीं मिली है। जंगल और इससे सटे गांवों में वन विभाग ने पर्च बांटे हैं। इसमें बाघ से बचाव की जानकारी दी गई है। यह भी निर्देश दिया गया है कि अकेले कोई भी जंगल की तरफ न जाए। क्या कहते हैं विशेषज्ञ
वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार भोजन और पानी की कमी के कारण वन्य जीव भटक कर आबादी वाले एरिया में पहुंच जाते हैं। बाघों के रहने वाले क्षेत्र को संरक्षित करना होगा। जंगलों को विस्तार देना होगा, तभी इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। ………………………………………….. यह भी पढ़ें लखनऊ में बेहता नाला के किनारे दिखा टाइगर:रहमान खेड़ा पहुंची दो सदस्यीय WTI टीम; ग्रामीणों को किया अलर्ट लखनऊ में दो दिन से घूम रहा टाइगर रविवार दोपहर हफीज खेड़ा गांव में दिखा है। इसे गांव के ही एक किसान ने बेहता नाला के किनारे घूमते हुए देखा है। सूचना के बाद दोपहर 2 बजे टाइगर को पकड़ने के लिए WTI (वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया) टीम पहुंची, लेकिन टाइगर अभी पिंजरे से बाहर है। अभी कैमरे में कैद नहीं हो पाया है। टीम ने वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन को देखा और ऑपरेशन के बारे में पूछताछ की। पढ़ें पूरी खबर…