उत्तराखंड भवन में कैटरर्स और व्यापारियों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। लखनऊ में शुक्रवार को जब कैटरर्स की गाड़ी भवन से वापस जा रही थी, तो बृजेश नामक कर्मचारी ने ड्राइवर से जबरन चाबी छीन ली और गाड़ी से सामान उतारकर अंदर रख लिया। उसने ₹10,000 की मांग की, जबकि एक दिन पहले भी इतनी ही रकम ली जा चुकी थी। विभूति खंड थाने पर पीड़ित ने तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई है। कैसे हो रही थी वसूली? व्यापारियों का कहना है कि उत्तराखंड भवन सरकारी संपत्ति है, लेकिन यहां ‘पैनल व्यवस्था’ के नाम पर पैसे वसूले जा रहे थे। कभी सफाई के नाम पर, कभी अन्य बहानों से ठेकेदारों और कैटरर्स से हजारों रुपए ऐंठे जा रहे थे। जब व्यापारियों ने सवाल किया कि क्या पैनल व्यवस्था का कोई सरकारी आदेश है? तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला। कर्मचारी ने कबूल किया कि ये पैसा ‘ऊपर के अधिकारियों’ को खुश करने के लिए लिया जाता है ताकि वे अपनी कुर्सी पर बने रहें। व्यापारियों का विरोध, पुलिस के सामने समझौता इस वसूली के खिलाफ शुक्रवार को व्यापारियों ने एकजुट होकर विरोध किया। मौके पर चौकी इंचार्ज भी पहुंचे, बातचीत हुई, और कर्मचारी ने कबूल किया कि वह पैसे लेता था। चौकी इंचार्ज के दखल के बाद ड्राइवर को गाड़ी की चाबी और सामान वापस दिया गया।व्यापारियों ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत दी है और मांग की है कि भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए। क्या हुआ समझौता? व्यापारियों और चौकी इंचार्ज के बीच बैठक में यह तय हुआ कि अब से कोई पैनल व्यवस्था नहीं होगी और न ही जबरन गेट पास के नाम पर पैसे लिए जाएंगे। जो भी शुल्क लिया जाएगा, वह सरकारी खाते में जमा होगा और उसकी रसीद दी जाएगी। पुराना पैसा भी लौटाने की मांग उत्तर प्रदेश टेंट, कैटरर्स एंड डेकोरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मांग की है कि अब तक जो भी अवैध वसूली हुई है, उसका पैसा व्यापारियों को लौटाया जाए। आरोप है कि हर दिन 25000 से 30000 रुपए गेट पास के नाम पर वसूले जाते थे। अधिकारियों का कहना है कि यह पैसा बाहर से आने वाले अधिकारियों की व्यवस्था पर खर्च किया जाता था। व्यापारियों ने सरकार से की यह मांग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार और नगर अध्यक्ष कीर्ति चौधरी ने कहा कि अगर जल्द से जल्द इन भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो व्यापारी बड़ा आंदोलन करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से महामंत्री रितिन जायसवाल, कोषाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, अभिनव शर्मा, श्री पाल संधू, इमरान, मनोज सिंह, मोनू तिवारी समेत तमाम व्यापारी मौजूद रहे।
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