लखनऊ का डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय वाराणसी के IIT बीएचयू के साथ मिलकर ऐसे सॉफ्टवेयर डेवलप करने जा रहा है जिसकी मदद से क्लासरूम में कम सुनने की क्षमता वाले दिव्यांग छात्रों को आसानी से टीचर का लेक्चर कंटेंट हासिल हो सकेगा। इसके अलावा विजन से जुड़ी समस्याओं के दिव्यांग छात्रों के लिए भी ऑडियो फॉर्म में कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए भी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पर काम हो रहा है। सोमवार को इसकी जानकारी डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि दोनों संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग डाटा एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट रिसर्च वर्क सहित तमाम क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करेंगे। प्रो.संजय सिंह ने बताया कि IIT बीएचयू के 12 सदस्य टीम ने विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया है। इस दौरान कैंपस के लाइब्रेरी, ब्रेल प्रेस, दिव्यांग सपोर्टिंग लैब्स, इनडोर स्टेडियम को भी देखा। सॉफ्टवेयर बनाने पर फोकस प्रो.संजय सिंह ने बताया कि एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने पर फोकस है जिसके जरिए कम सुनने वाले स्टूडेंट्स के लिए कक्षा व्याख्यान को पाठ रूप में अनुवादित किया जा सके। इसके अलावा विसुअल इम्पैरमेंट यानी दृष्टिबाधित छात्रों की गतिशीलता में सुधार के लिए त्रि- आयामी विश्वविद्यालय मानचित्र का विकास जो मोबाइल ऐप के रूप में वॉयस कमांड के साथ काम करेगा। इसके अलावा एक ऐसा सॉफ्टवेयर जिससे संकेत को पाठ और ऑडियो फॉर्म में कन्वर्ट किया जा सके। IIT बीएचयू टीम के ये सदस्य रहे मौजूद प्रो.संजय कुमार सिंह, प्रो.संदीप कुमार, डॉ.प्रांजल चंद्रा, डॉ.श्याम कमल, डॉ.देबाशीष खान, डॉ.विनोद तिवारी, डॉ.क्षितिज कुमार यादव, डॉ.सुमित कुमार सिंह, डॉ.दीपेश कुमार, डॉ.संजय कुमार लेंका, डॉ.श्रीहरि डोडला और डॉ.भृगु कुमार लहकर।