यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रश्न पत्रों का वितरण बुधवार से शुरू हो गया। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज से पुलिस सुरक्षा के बीच पहले दिन 49 परीक्षा केन्द्रों पर पेपर के बंडल पहुंचाए गए। प्रश्नपत्रों को केन्द्रों के स्ट्रॉन्ग रूम में केन्द्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में रखवा दिया गया। वहीं, GGIC स्थित कंट्रोल रूम से सभी 126 केंद्र जुड़ गए हैं। स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी में लगी पुलिस, 24 घंटे CCTV कैमरे संचालित होंगे। अलमारी में रखवाए गए प्रश्न पत्र डीआईओएस राकेश कुमार के निगरानी में बुधवार को छात्र संख्या के अनुसार केन्द्रों को प्रश्न पत्र भेजे गए। बुधवार को 49 केन्द्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में स्ट्रॉन्ग रूम की अलमारी में प्रश्न पत्र रखवाए गए। दोनों अधिकारियों के हस्ताक्षर किए। यहां रखे रजिस्ट्रार पर स्ट्रॉन्ग के खोलने से लेकर प्रश्न पत्र का ब्योरा दर्ज किया जाएगा। इसकी चाभी दोनों अधिकारियों के पास रहेगी। केन्द्र पर स्ट्रॉन्ग रूम में चार अलमारी रखवाई गईं हैं। इनमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रश्न पत्र अलग-अलग अलमारी में ने गए। दो अन्य अलमारी में से एक में परीक्षा के समय छात्रों को देने बाद बचे प्रश्न पत्र रखें जाएंगे। बची एक अलमारी में इमरजेंसी प्रश्न पत्र रखे जा रहे हैं। इनका उपयोग पेपर आउट होने की स्थिति में होगा। सभी केन्द्रों की परखी व्यवस्थाएं राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में बने कंट्रोल रूम से आदर्श कारागार समेत अन्य 126 परीक्षा केन्द्र की बुधवार को कंट्रोल रूम से व्यवस्थाएं परखी गईं। अधिकारियों ने कक्ष निरीक्षक, कैमरे, बच्चों के बैठने के लिये सीट, पेयजल, साफ सफाई समेत अन्य व्यवस्थाएं के बारे में जानकारी हासिल की। केन्द्र व्यवस्थापकों को स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही जरूरी दिशा निर्देश जारी किये। कक्ष निरीक्षक और कर्मियों के परिचय पत्र जारी यूपी बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी में लगे केन्द्र और एक्सटर्नल व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, कर्मचारी समेत सभी अधिकारियों के परिचय पत्र जारी कर दिये गए। परीक्षा केन्द्रों के केन्द्र व्यवस्थापक को परिचय पत्र उपलब्ध करा दिये गए हैं। यहां से कक्ष निरीक्षक व कर्मियों को परिचय पत्र वितरित किये जांएगे। फीस की वजह से किसी बच्चे का न रोकें प्रवेश पत्र डीआईओएस ने निजी स्कूलों को निर्देश जारी किया है कि यदि किसी बच्चे की फीस नहीं जमा है तो उसे परीक्षा देने से नहीं रोक सकते हैं। प्रवेश पत्र जारी हो गए। स्कूलों की जिम्मेदारी हैं कि हर बच्चे को प्रवेश पत्र दें। फिर भी यदि किसी बच्चे को प्रवेश पत्र देने में कोई स्कूल आनाकानी करते हैं, तो वो कंट्रोल रूम व डीआईओएस कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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