लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर इंटीग्रेटेड पार्किंग लागू होने के बाद खींचतान की स्थिति बनी हुई है। पार्किंग संचालक और ऑटो चालक अपनी मांग को लेकर आमने सामने आ गए हैं। पार्किंग की नई व्यवस्था शुरू होने के बाद चालू हुए विवाद का समाधान रेलवे नहीं खोज पाया है। बुधवार शाम को चारबाग रेलवे स्टेशन पर प्रति चक्कर ऑटो से 12 रुपए पार्किंग शुल्क लेने पर विवाद हो गया। मौके पर GRP, RPF और रेलवे कर्मचारियों के बीच हुई बैठक के बाद नियम तय करने की जिम्मेदारी रेलवे अधिकारियों पर छोड़ दी गई। अभी भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। ऑटो यूनियन का दावा- पार्किंग संस्था पहले मानी फिर मुकरी
शाही टेंपो ऑटो टैक्सी ऑनर्स एसोसिएशन का कहना है कि 30 साल से 300 ऑटो का संचालन रेलवे की अनुमति से किया जा रहा है। प्रत्येक वाहन 2,950 रुपए छमाही का पेमेंट रेलवे को देते हैं। आरोप लगाया गया कि पहले मंथली पास को लेकर पार्किंग की संस्था तैयार हुई, लेकिन बाद में मुकर गई। दावा है कि बुधवार को हुए विवाद के बाद पार्किंग संचालकों ने ऑटो यूनियन के लोगों मासिक पास या फिर लिखित में प्रति चक्कर के लिए आदेश लाने की बात कही, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो पार्किंग संचालकों की तरफ से रुपए लिए जाएंगे। ADMS कंपनी का दावा- मिल रही हैं धमकियां
5.24 करोड़ रुपए का टेंडर उत्तर रेलवे की तरफ से ADMS एंटरप्राइजेज को पेड पार्किंग को एक साल के लिए दिया गया है। इसके लिए कंपनी को 4 करोड़ 44 लाख रुपए देने होंगे। वहीं, GST के साथ कुल करीब 5 करोड़ 24 लाख रुपए देने हैं। ADMS एंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अभिषेक ने सीनियर DCM को शिकायती पत्र लिखा है। अभिषेक ने पत्र के माध्यम से बताया कि पार्किंग ठेके को लेकर लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने सुरक्षा मुहैया कराए जाने की बात कही है। इस दौरान ADMS कंपनी ने पार्किंग को लेकर चारबाग स्टेशन पर ऑटो गली को नियंत्रण में नहीं ले पाया है। सीनियर DCM बोले- ऑफिसर लेवल कमेटी करेगी फैसला
प्री पेड ऑटो के पार्किंग शुल्क को लेकर ऑफिसर लेवल कमेटी बनाई गई है। यह डिसाइड करेगी कि कितना पार्किंग शुल्क होना चाहिए। फिलहाल किसी पार्किंग का आवंटन किया गया है। वहां पर किसी यूनियन को नहीं जानते। इसमें 20 ऑटो दिखाकर इससे कई गुना अधिक ऑटो खड़े किए जाते हैं। वहीं, कमेटी के डिसाइड करने तक यह ऑटो के लिए फ्री फॉर आल कर दिया गया है। अगर पार्किंग में रजिस्टर्ड करना है, तो उसके लिए एक ऑटो को मंथली 500 रुपए और अभी जो पार्किंग मूल्य तय किए गए हैं, वह देना होगा। चारबाग रेलवे स्टेशन के GRP प्रभारी ने बताया कि मामले में रेलवे के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। दोनों पक्ष में पार्किंग शुल्क देने को लेकर टकराव की स्थिति बन रही। रेलवे अधिकारियों को शुल्क डिसाइड करने के लिए बैठक के बाद कहा गया, जो निर्देश होंगे लागू कराए जाएंगे। ऑटो संचालक बोले मासिक पास नहीं दे रहे
ऑटो संचालक आशीष तिवारी का कहना है कि रेलवे 6 महीने में 2950 रुपए का शुल्क लेता है। जब से नई कंपनी को टेंडर एलॉट हुआ है। तबसे समस्या बढ़ गई है। इसके पहले एक टेंडर हुआ था। इसमें 300 गाड़ियों का पैसा 6 महीने के लिए लिया गया, लेकिन कंपनी वापस चली गई। हमारा पैसा वापस नहीं हुआ और यह पैसा रेलवे की तरफ से वापस नहीं किया गया। हम लोगों ने डेढ़ लाख रुपए संबंधित कंपनी को 300 ऑटो के मासिक पास के लिए देने को तैयार हुए। कंपनी ने इसके साथ ही प्रति चक्कर की दर से पैसे की डिमांड की है। वो मासिक पास देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। ऑटो चालक बोले- पैसा बढ़ा दिया तो कैसे दे पाएंगे
ऑटो चालक राहुल वर्मा ने कहा कि मुझे परेशान किया जा रहा है। मुझसे पैसा मांगा जा रहा है। 500 रुपए के हिसाब से देने को तैयार हैं, लेकिन 1700 मांगा जा रहा। ऑटो चालक अमित सिंह ने कहा कि महीने का 500 रुपए देने को तैयार हैं, लेकिन हर चक्कर का 20 रुपए मांगा जा रहा। 300 रुपए दिन में कमाते हैं। हम कैसे दे पाएंगे। यह पैसा। ऑटो चालक खालिद अली खान का कहना है कि हम पैसा बढ़ा दिया है। यह भी पढ़ें लखनऊ में पार्किंग के नाम पर खुले आम लूट:चारबाग रेलवे स्टेशन पर 2 मिनट के लिए देने पड़ रहे 20 रुपए; 10,000 यात्री परेशान चारबाग रेलवे स्टेशन पर 4 दिसंबर से इंटीग्रेटेड पार्किंग की सुविधा शुरू की गई है। रेलवे अधिकारियों ने नियम बनाया कि प्राइवेट वाहनों को 10 मिनट तक पार्किंग शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन यहां पर पहुंचने वाले प्राइवेट वाहनों से 2 मिनट के लिए 20 रुपए वसूले जा रहे हैं। मंगलवार देर रात दैनिक भास्कर ने पार्किंग और रेलवे के दावे की पड़ताल की। पढ़ें पूरी खबर…