पुराने लखनऊ में शुक्रवार को विश्वभर के अल्पसंख्यकों के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला गया। यह मार्च छोटे इमामबाड़े से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होता हुआ सम्पन्न हुआ। इसमें विभिन्न धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। कैंडल मार्च का नेतृत्व मौलाना कल्बे जवाद ने किया। उनके साथ हिंदू, मुस्लिम, शिया, और अन्य धर्मों के धर्मगुरु भी शामिल हुए। सभी ने अपने हाथों में कैंडल और तख्तियां लेकर अत्याचारों के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन किया। मार्च के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की गई। साथ ही पाकिस्तान में शियाओं पर हो रहे हमलों और फिलिस्तीन में जारी हिंसा के खिलाफ भी विरोध जताया गया। धर्मगुरुओं ने संदेश दिया कि किसी भी देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार अस्वीकार्य है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि यह मार्च इंसानियत के समर्थन में निकाला गया है। सभी समुदायों को एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। धर्मगुरुओं ने अपील की कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन मामलों पर संज्ञान ले और हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।