लखनऊ में शनिवार को पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि शनिवार को पहले से ही पार्टी का एक कार्यक्रम निर्धारित था। इस कार्यक्रम के तहत समुदाय के बुद्धिजीवियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर बैठक होनी थी। कार्यक्रम के संबंध में भ्रामक खबरें फैलाई गई और प्रशासन द्वारा दबाव बनाकर उसे रद्द करवा दिया गया। डॉ. अय्यूब ने कहा कि हमें लोकतांत्रिक देश में सामाजिक मुद्दों पर कार्यक्रम करने से रोका गया। मौजूदा समय में सामाजिक और सियासी माहौल को लेकर हमारी यह चर्चा होनी थी। इसमें लखनऊ समेत यूपी के विभिन्न जनपदों से बुद्धजीवी एकत्रित होने वाले थे। मगर कार्यक्रम से पहले जिस प्रकार से गलत बयानबाजी की गई उसके चलते कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। सरकारी तंत्र मस्जिदों के सर्वे में जुटा डॉ. अय्यूब ने कहा कि मौजूदा समय में देश को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सबसे ज्यादा जरूरत है। बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। नौकरियां ना मिलने के कारण सामान्य परिवार के लिए दो वक्त की रोजी-रोटी चुनौती है। जहां युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करवाने चाहिए वहां सरकारी तंत्र मस्जिदों के सर्वे में जुटा हुआ है। देश के अहम मुद्दे गायब मोहन भागवत के द्वारा मस्जिदों के सर्वे को लेकर दिए गए बयान का डॉ. अयूब ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों के सर्वे के कारण देश के जो अहम मुद्दे हैं वह गायब हो गए। आम आदमी को मंदिर मस्जिद से ज्यादा रोजगार और स्वास्थ्य की चिंता है। वहीं सदन में अमित शाह द्वारा दिए गए बयान को लेकर उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। बाबा साहब का नारा लगाने से ज्यादा उनके विचारों को पढ़ने की आवश्यकता है। समाज में परिवर्तन महापुरुषों की बातों को लागू करने से ही आएगा।