लखनऊ के नवयुग कन्या महाविद्यालय में विश्व दर्शन दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान छात्राओं ने भारतीय और पाश्चात्य विचारकों के दर्शन से जुड़े कथनों को पोस्टर के जरिए प्रदर्शित किया। अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. मंजुला उपाध्याय ने की। इस दौरान अष्टांग योग की प्रासंगिकता’ विषय पर भी चर्चा हुई, जिसमें योग के विभिन्न अंगों यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम की संयोजक मेजर डॉ. मनमीत कौर सोढ़ी ने बताया कि 2002 से यूनेस्को ने हर साल नवंबर के तीसरे गुरुवार को विश्व दर्शन दिवस मनाता है। इस वर्ष का थीम ‘समावेशी और सतत भविष्य के लिए दर्शनशास्त्र’ था, जो दार्शनिक विरासत को साझा करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है। छात्राओं को किया गया सम्मानित कार्यक्रम में सुकरात, प्लेटो, महात्मा गांधी और विवेकानंद के विचारों पर आधारित पोस्टर बनाने के लिए छात्राओं को प्रशस्ति पत्र दिए गए। सम्मान पाने वालों में अनन्या तिवारी, रिया घई, वर्तिका सक्सेना और आस्था त्रिपाठी सहित कई छात्राएं शामिल रहीं। कार्यक्रम का संचालन अंशी गुप्ता ने किया। प्राचार्य प्रो. मंजुला उपाध्याय ने छात्रों को दार्शनिक विचारों को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। आइक्यूएसी संयोजक प्रो. संगीता कोतवाल ने दर्शन के अध्ययन के महत्व के बारे में जानकारी दी।