लखनऊ में योगदा सत्संग ध्यान केंद्र, विपुल खंड गोमती नगर में श्री परमहंस योगानंद के 132वें जन्मोत्सव का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस अवसर पर प्रभात फेरी, विशेष ध्यान, भजन, पुष्पांजलि, वस्त्र वितरण, नारायण सेवा और भंडारे जैसे विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी और ध्यान से हुई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भजन और पुष्पांजलि के माध्यम से भक्तों ने गुरु परमहंस योगानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। वस्त्र वितरण के दौरान जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल बांटे गए, जिससे ठंड के मौसम में उन्हें राहत मिल सके। हजारों लोगों ने प्रसाद पाया नारायण सेवा में हजारों लोगों ने भोजन किया। भंडारे में भक्तों ने गुरु प्रसाद ग्रहण कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। लगभग 500 भक्तों ने इस अवसर पर गुरु प्रसाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में डॉ. पुनीता मानिक ने कहा- संस्कृत ग्रंथों में गुरु को ‘अंधकार को मिटाने वाला’ कहा गया है। उन्होंने समझाया कि ‘गु’ का अर्थ है अंधकार और ‘रु’ का अर्थ है उसे मिटाने वाला। गुरु की चेतना के प्रकाश से अज्ञानता का अंधकार समाप्त हो जाता है।