लखनऊ हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चाइनीज मांझा के आयात और बिक्री से संबंधित जानकारी मांगी। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि चाइनीज मांझा पर रोक के लिए क्या व्यवस्था बनाई है। न्यायालय ने इस संबंध में अपने पूर्व के आदेश के अनुपालन में जवाब देने के लिए राज्य सरकार को एक अवसर और प्रदान किया है। मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी 2025 को होगी। राज्य सरकार को एक और मौका दिया यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की ओर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित किया। जनहित याचिका की थी दाखिल याची ने चाइनीज मांझे की वजह से लोगों व पशु-पक्षियों के घायल होने का हवाला देते हुए, इसके आयात और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से तमाम शासनादेशों का हवाला देते हुए बताया गया कि सिंथेटिक मांझा, लेड कोटेड, नायलॉन पतंग डोरी और चाइनीज मांझा पर रोक लगाई जा चुकी है। जिलेवार मांगी रिपोर्ट सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किये जा चुके हैं। पिछली सुनवाई पर न्यायालय इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई थी। टिप्पणी भी की थी कि प्रश्न शासनादेश जारी करने भर का नहीं है, उक्त शासनादेशों पर अमल किस प्रकार किया जा रहा है। मामले में न्यायालय ने जनपदवार कार्रवाई की सूची भी तलब की है।