ललितपुर में शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एफटीसी प्रथम में चल रहे 8 वर्ष पूर्व महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में एक आरोपी को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। पुलिस ने अभियुक्त को अपनी हिरासत में लेकर जिला जेल भेज दिया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्ण विहारी कुशवाहा ने बताया कि कोतवाली महरौनी अंतर्गत समीपवर्ती एक गांव में विगत 12 अप्रैल 2017 की शाम एक महिला अपनी 5 वर्षीय पुत्री के साथ खेत पर भूसा लेने जा रही थी। इसी दौरान गांव के महेन्द्र सिंह, इंदल सिंह पुत्रगण लालसिंह एवं दलसिंह पुत्र सीताराम ने महिला को रोककर उसकी पुत्री को 10 रुपए देकर घर भेज दिया था। लड़की रोते हुए घर पहुंची थी। सूचना मृतका के पति ने पुलिस को दी परिजनों ने बताया कि गांव के तीन लोगों ने मां को रोक लिया है। जिस कारण परिजन महिला को देखने के लिए गए थे। लेकिन कोई जानकारी नहीं हो सकी थी। बाद में महिला का शव एक खेत में आम के पेड़ पर लटका हुआ था। जिसकी सूचना मृतका के पति ने पुलिस को दी थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया था। मृतका के पति ने कोतवाली महरौनी को तीन व्यक्तियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कर पेड़ पर लटकाने की तहरीर दी थी। लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले में अनदेखी करते हुए मामला दर्ज नहीं किया गया था। बाद में मृतका के पति ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महरौनी में प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट के आदेश पर महरौनी पुलिस ने आरोपियों पर मामला दर्ज कर जांच की थी। जिसमें तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक महेश चन्द्र गौतम द्वारा इस पूरे प्रकरण की जांच करते हुए आरोपियों को बचाते हुए एफआर लगा दी गई थी। वर्ष 2017 में जिले में स्थित गिन्नौट बाग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर यह मामला चर्चा में आया था। मुख्यमंत्री ने इस मामले में न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था। टीम ने मौके पर आकर मौका मुआयना किया तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराते हुए पीड़ित को न्याय दिलाने के निर्देश जारी किए थे। मुख्यमंत्री ने इस मामले को काफी गंभीरता से लेकर पूरे प्रकरण की जांच सीबी सीआईडी कानपुर को सौंपी थी। सीबी सीआईडी की टीम ने मौके पर आकर मौका मुआयना किया था। इसके अलावा हर एंगल से छानबीन करने के बाद चार्ज शीट तैयार की थी। जिसमें तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट तैयार कर इस मामले को न्यायालय में सौंप दिया था। शुक्रवार को न्यायाधीश ने मुलजिम महेन्द्र को धारा 302 में अजन्म कारावास एवं 70 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376 में मुलजिम महेन्द्र को 15 वर्ष के कारावास एवं 50 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। पुलिस ने मुलजिम को हिरासत में लेकर जिला जेल भेज दिया है। इस पूरे प्रकरण में मुलजिम को सजा दिलाने में प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा के निर्देशन में हेड कॉन्स्टेबल, पेरोकार जागेन्द्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। डीएनए टेस्ट से हुई पुष्टि
सीबी सीआईडी के हाथ में मामला आने के बाद टीम द्वारा काफी तत्परता दिखाई गई। सीबी सीआईडी ने जांच के बाद तीनों आरोपियों के डीएनए टेस्ट कराए थे। जिसमें प्रयोगशाला से आई डीएनए की रिपोर्ट में आरोपी महेन्द्र द्वारा महिला के साथ दुष्कर्म होना पाया गया था। दो आरोपी किए गए थे बरी
गुरुवार को सुनवाई के दौरान पेश किए गए गवाहों, साक्ष्यों एवं डीएनए रिपोर्ट के आधार पर न्यायाधीश रचना ने आरोपी महेन्द्र को दुष्कर्म एवं हत्या का दोषी पाया था। वहीं दो आरोपियों पर आरोप सिद्ध नहीं हुआ था। जिसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया था।