वाराणसी में नेवी से रिटायर्ड ऑनरी सब-लेफ्टिनेंट को 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 98 लाख की ठगी करने वाले पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। इन साइबर ठगों ने पीड़ित के खाते खाली करवा दिए थे, पुलिस ने इसमें शामिल नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से अब तक 7.51 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। इन साइबर ठगों के पास बड़ी मात्रा में मोबाइल, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, लैपटाप, टैबलेट भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खाते और नेटवर्क का भी पता लगा लिया है और बड़ी धनराशि बरामदगी की कवायद शुरू कर दी है। वहीं आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि नेवी से रिटायर्ड माधव नगर कालोनी, सारनाथ निवासी अनुज कुमार यादव कभी पुलिस अफसर, कभी जज और कभी जांच अधिकारी बनकर टॉर्चर किया। ठगों ने उनसे खाते में 98 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। रिटायर्ड ऑनरी सब-लेफ्टिनेंट का बेटा नेवी में अफसर है और वर्तमान में एक देश की सीमा पर तैनात था। जब कई दिनों तक पिता से बात नहीं हुई, तो वह छुट्टी लेकर घर पहुंचा। पिता की हालत देखकर पूछताछ की तो पूरी सच्चाई सामने आई। अनुज की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। साइबर क्राइम की टीम ने कार्रवाई करते हुए सभी नंबर ट्रैस किए तो आरोपियों तक पहुंच गए। पूरे नेटवर्क में मिर्जापुर, जौनपुर, चंदौली के आरोपियों का सुराग लगा। इसके बाद नौ साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से अब तक 7 लाख 51 हजार रुपये बरामद हुए हैं। साइबर ठगों में ये शामिल गिरफ्तार आरोपियों में संदीप कुमार निवासी गौशालापुरवा, थाना रामकोटी, जनपद सीतापुर, . अभिषेक जायसवाल निवासी चकिया, जनपद चन्दौली, विकास सिंह पटेल निवासी हातीपुर, चुनार मिर्जापुर, कुनाल सिंह निवासी मगरहा थाना चुनार, मिर्जापुर, संजय यादव निवासी ग्राम लालपुर, जलालपुर, जनपद जौनपुर, हर्ष मिश्रा निवासी ग्राम फूलहा, थाना रामगढ़, चुनार, मिर्जापुर, नितिन सिंह निवासी खानपुर, थाना चुनार, मिर्जापुर, चुनार का मोहम्मद आदिल खान और भेलूपुर का इकबाल खान शामिल हैं।