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वाराणसी में NTA ने ग्रुप-D के तीन सॉल्वर दबोचे:10 हजार में परीक्षा दे रहा था मुन्नाभाई, लंका पुलिस ने दोस्त समेत सॉल्वर को भेजा जेल

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय में यूपी सिविल कोर्ट स्टाफ भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन वाराणसी में एक मुन्नाभाई को एनटीए की टीम ने दबोच लिया। आरोपी 10 हजार रुपये लेकर अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दे रहा है। इसे रोल नंबर और नाम बिहार के एक सॉल्वर गैंग ने दिया था। लमही के देवा महिला महाविद्यालय से आरोपी मुन्नाभाई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। लालपुर थाने में केंद्र व्यवस्थापक की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी। वहीं, दूसरे को क्रिम्सन वर्ल्ड स्कूल से गिरफ्तार किया गया। परीक्षा के पहले दिन शनिवार को केंद्रीय विद्यालय से एक सॉल्वर दोस्त समेत पकड़ा गया था, जिसे लंका पुलिस ने जेल भेज दिया। पिछले दो दिन में पुलिस ने पांच के खिलाफ केस दर्ज कर तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की है। वाराणसी में रविवार शाम को न्यायालयों में ग्रुप-डी भर्ती के दौरान लमही के देवा महिला महाविद्यालय से NTA की टीम ने सत्यापन करने के दौरान एक संदिग्ध को दबोच लिया। फिर उसके दस्तावेज जांच तो खामियां ही खामियां मिली। परीक्षा दे रहे युवक से जब आधार कार्ड मांगा तो उसने आधार होने से इनकार कर दिया। इसके बाद टीम के सामने पैन कार्ड रखा, जिसके मिलान में प्रवेश पत्र पर फोटो अलग पाई गई। जांच में प्रवेश पत्र पर ओम पाण्डेय अंकित था लेकिन चेहरा मैच नहीं हुआ। इसके बाद टीम ने छात्र को अलग कमरे में ले जाकर पूछताछ की तो परीक्षा में सॉल्वर गैंग से भेजे जाने की बात का खुलासा हो गया। बताया कि मैं बिहार के नेवादा जिले का निवासी शुभम कुमार पुत्र जय किशोर सिंह हूं और ओम पांडे की जगह पेपर देने आया था। उसने इसके लिए 10 हजार रुपये दिए थे और अपने स्थान पर परीक्षा देने के लिए तैयार किया था। आधे रुपये परीक्षा देने के बाद देने की बात हुई थी। उसने बताया कि पेपर देने आने से पहले एक सर्विस सेंटर पर जाकर आधार कार्ड में संशोधन कराया था। शुभम ने बताया कि उसने और ओम पाण्डेय ने मिलकर पैन कार्ड में छेड़छाड़ कर उस पर ओम पाण्डेय का नाम कर दिया, इसके बाद प्रवेश पत्र का फोटो भी धुंधला कर दिया। फिलहाल पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर परीक्षा अधिनियम केस दर्ज किया और आज कोर्ट में पेश करेगी। उधर, थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि अभ्यर्थी मनीष एक बड़े सॉल्वर गिरोह के संपर्क में था। मनीष और सॉल्वर गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दो टीमें प्रयागराज में अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। जल्द ही सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। पहले दिन ही दबोचे थे सॉल्वर गैंग के दो गुर्गे उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में विभिन्न श्रेणियों की भर्ती परीक्षा के पहले दिन शनिवार को ही BHU केंद्रीय विद्यालय से सॉल्वर गैंग के दो सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। पहला केंद्रीय विद्यालय के कक्ष में परीक्षा दे रहा था दूसरा साथी बाहर नकल सामग्री और अन्य दस्तावेज लेकर खड़ा था। वहीं मूल परीक्षार्थी प्रयागराज निवासी मनीष कुमार शहर के एक होटल में ठहरा था और दोनों के संपर्क में था लेकिन पुलिस के जाने से पहले फरार होगा। झारखंड के गिरिडीह जिले के तिसारी निवासी सौरभ कुमार और नालंदा निवासी उसका आशीष रंजन उर्फ पप्पू को पुलिस ने केस दर्ज कर जेल भेज दिया। बायोमेट्रिक में पकड़ा गया था मुन्नाभाई बीएचयू केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल अशोक कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार शाम दूसरी पाली में बायोमेट्रिक जांच के दौरान अभ्यर्थी मनीष कुमार का डाटा मैच नहीं किया, जांच में पता चला कि उसकी जगह कोई और परीक्षा दे रहा है। परीक्षा फॉर्म की फोटो से अभ्यर्थी की फोटो का मिलान भी नहीं हो सका। युवक से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम सौरभ कुमार बताया। लंका थानाध्यक्ष ने सौरभ से पूछताछ की तो साथी रंजन कुमार उर्फ पप्पू को स्कूल के बाहर बताया, पुलिस ने उसे भी दबोच लिया। केवी बीएचयू के प्रिंसिपल की तहरीर पर तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जिले में बनाए गए थे 28 परीक्षा केंद्र
वाराणसी में स्टॉफ भर्ती के लिए दो दिन 04 जनवरी और 5 जनवरी को आयोजित की गई थी, जिसमें 28 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। एक परीक्षा केंद्र को रिजर्व में रखा गया है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के निदेशक विनोद साहू को नोडल अधिकारी बनाकर 30 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।

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