अलीगढ़ के अमरपुर कोंडला फेयर मीट फैक्ट्री (फेयर एक्सपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) में फ्रोजन प्वाइंट पर वाल्ब लीक होने के कारण रविवार को हादसा हुआ। मजदूर फैक्ट्री में मीट पैकेजिंग का काम कर रहे थे, तभी वाल्ब लीक हो गया। देखते ही देखते अमोनिया गैस चारो तरफ फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो गैस के कारण मौके पर मौजूद सभी मजदूरों की आंखों जलन शुरू हो गई और दम घुटने लगा। सभी इधर उधर भागने लगे और जो मजदूर लीकेज प्वाइंट के नजदीक थे, वह बेहोश होकर गिर गए। हादसे के बाद डीएम विशाख जी. ने फिलहाल फैक्ट्री के संचालन पर रोक लगा दी है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हर दिन काटे जाते हैं 200 पशु रोरावर थाना क्षेत्र के दिल्ली-कानपुर रोड पर बनी फेयर मीट फैक्ट्री में हर दिन 200 पशुओं का कटान किया जाता है। जिसके लिए अलग-अलग शिफ्ट में मजदूर काम करते हैं। शाम 5 बजे पशु वध का काम बंद हो जाता है। फिर मीट की पैकेजिंग का काम शुरू हो जाता है। रविवार को भी पशुओं के कटान का काम खत्म हो गया था। पशुओं की कटाई खत्म होने के बाद जब पैकेजिंग का काम शुरू हुआ तो इसी दौरान यह हादसा हुआ है। घटना के समय फैक्ट्री के पैकेजिंग एरिया में लगभग 100 मजदूर फैक्ट्री में पैकेजिंग का काम कर रहे थे। इसमें 40 महिलाएं भी थी। गैस के कारण बेहोश होने वालों में 6 महिला मजदूर और 4 पुरुष थे। इसमें से 7 का इलाज जारी है। अलग-अलग अस्पतालों में भटके कर्मचारी फैक्ट्री में हादसा होने के बाद कर्मचारी बेहोश हुए मजदूरों को कई अस्पतालों में लेकर भागे। लेकिन सभी को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी। जिसके बाद उन्हें लगातार रेफर किया जाता रहा। अंत में सभी गंभीर मरीजों को जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सबसे पहले बेहोश मजदूरों को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। फिर 5 बेहोश मजदूरों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन हाई स्पीड ऑक्सीजन सपोर्ट न होने के कारण इन्हें यहां से भी रेफर कर दिया गया था। फिलहाल सभी मजदूरों का इलाज जारी है। गैस लीक की जानकारी पर पहुंचे अधिकारी मीट फैक्ट्री में गैस लीक की जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन एलर्ट हो गया। रोरावर समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। एडीएम सिटी अमित भट्ट भी मौके पर पहुंच गए। उसके साथ प्रशासन, फायर और अन्य कई विभागों के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। रेस्क्यू टीम ने तत्काल फैक्ट्री के अंदर जाकर स्थिति को काबू किया और सभी मजूदरों को बाहर निकाला। इसके बाद तत्काल गैस के लीकेज प्वाइंट को बंद किया गया, जिसके बाद स्थिति सामान्य हो सकी और अन्य अधिकारी भी फैक्ट्री के अंदर जा सके। मीट को ताजा रखने में काम आती है अमोनिया अमोनिया गैस का इस्तेमाल मीट फैक्ट्रियों और दूध डेयरी प्लांट में किया जाता है। अमोनिया गैस मीट को लंबे समय तक ताजा रखने के काम आती है। गोश्त की पैकेजिंग के समय पैकेज के अंदर अमोनिया गैस डाली जाती है। अमोनिया गैस की लेयर बनने के बाद मीट को पैकेट्स में सील कर दिया जाता है और फिर इसे दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। इसके लिए पूरी फैक्ट्री में अमोनिया गैस का प्लांट और पाइप लाइन बिछाई जाती है। इसका फ्रोजन प्वाइंट पहले से कमजोर बताया जा रहा है, जो रविवार को लीक हो गया। 7 मजदूरों की हालत गंभीर हादसे के कारण 7 मजदूर बुरी तरह से गैस के प्रभाव में आ गए। इसमें 6 महिला मजदूर हैं और 1 पुरुष मजदूर है। इन सभी की स्थिति गंभीर बताई जा रही है और सभी को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। 12 घंटे तक लगातार इन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा और लगाातर ऑक्सीजन सपोर्ट जारी रखा जाएगा। इन सातों का चल रहा है इलाज 1- चांदनी (20) पुत्री शाहिद, निवासी शाहजमाल 2- रजनी (26) पुत्री सलमान, निवासी रोरावर 3- नाजिया (18) पुत्री अकबर, निवासी भुजपुरा, ठाकुर वाली गली 4- अल्फिशा (23) निवासी शाहजमाल टंकी के पास 5- जैनब (22) पुत्री जाहिद, निवासी मकदूम नगर 6- सोफिया (20) पुत्री इस्लाम, निवासी नीवरी 7- अरमान (22) पुत्र मुख्तार, निवासी तालसपुर खुर्द 5 विभागों की टीम को सौंपी गई है जांच प्रारंभिक जांच में फ्रोजन प्वाइंट पर वाल्ब लीक होना हादसे का कारण समझा जा रहा है। फिर भी इस मामले की विस्तृत जांच के लिए टीम बनाई गई है। 5 विभाग की टीम सारे प्रकरण की विस्तृत जांच करेगी। इसके लिए डीएम ने पुलिस विभाग, प्रशासन, फायर ब्रिगेड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कारखाना विभाग की टीम मामले की जांच करेगी। फिर वह अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे। डीएम विशाख जी. ने बताया कि गैस की चपेट में आए मजदूरों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि इलाज मे कोई कोताही न बरती जाए। मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।