छंटनी के विरोध में विद्युत संविदा कर्मियों ने मंगलवार को लखनऊ सहित प्रदेश भर में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि बिना किसी ठोस नियम के पूर्वांचल विद्युत निगम वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा के निजी कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम बनाया जा रहा है। इससे संविदा कर्मियों को छंटनी की आशंका है। इसके विरोध में विद्युत संविदा मज़दूर संगठन सदस्य प्रदेशभर में सत्याग्रह कर रहे हैं। अधीक्षण अभियंता कार्यालय HAL पर प्रदेश प्रभारी पुनीत राय ने कहा- न्यूनतम वेतन 22 000 तय किया जाए। लाइनमैन और कम्प्यूटर आपरेटर को 25,000 वेतन दिया जाए। सेवा अवधि 58 वर्ष और नौकरी सुरक्षित रहे। प्रदर्शन की तस्वीरें… पुनीत राय ने कहा- पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन से हुई वार्ता में कई बातें स्पष्ट हुईं। इनमें अगर कार्यरत संविदा कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी और उनकी सेवा में निरंतरता की गारंटी नहीं दी जाती है तो निगमों के स्वरूप में कोई भी बदलाव करने के खिलाफ संविदा कर्मी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। निलंबित कर्मचारी बहाल किए जाएं वरिष्ठ मज़दूर नेता और विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आरएस राय ने ऊर्जा निगमों के चेयरमैन से अपील की। उन्होंने कहा- गत वर्ष मार्च में विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की हड़ताल में शामिल होने के कारण निलंबित किए गए अभियंताओं और अवर अभियंताओं को बहाल किया जाए। बहाली की तरह संविदा कर्मियों को भी सेवा से बर्खास्तगी के बाद पुनः काम पर वापस लिया जाए। उन्होंने इस मुद्दे के लिए प्रबंधन और इंजीनियरों दोनों को जिम्मेदार ठहराया और वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। सत्याग्रह में पुनीत राय प्रभारी के अलावा जिला अध्यक्ष लखनऊ, उत्पादन निगम अध्यक्ष सतीश तिवारी, शिवरतन, धर्मेंद्र कुमार भारती, धनंजय गुप्ता, पंकज यादव, अनु श्रीवास्तव, दिलीप यादव, अनूप यादव, वीरेंद्र मुसाफिर, दयाराम, अरविंद, अनूप शर्मा, अनिल, अश्वनी, पंकज, अनिल गुप्ता, गुड्डू मिश्रा, राजा, हरिनाथ, रामकुमार, मन्नान और राजेश समेत कई अन्य लोग शामिल थे।