मुजफ्फरनगर के चरथावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक पंकज मलिक ने एक बार फिर विधानसभा सत्र में गन्ना किसानों की गंभीर समस्याओं को उठाया। सत्र की गहमागहमी के बीच जब स्पीकर ने पंकज मलिक को बोलने की अनुमति दी, तो उन्होंने पूरे सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए अपनी बात शुरू की। विधायक मलिक ने कहा, “महोब्बत और आदाब, मान्यवर स्पीकर साहब, और सभी सदस्यों को। आज मैं प्रदेश में बढ़ती महंगाई को लेकर एक अहम मुद्दा उठाने के लिए खड़ा हुआ हूँ, जो सीधे तौर पर हमारे किसानों से जुड़ा हुआ है।” विधायक ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और हाथ में कुछ कागज़ पकड़े हुए थे, जिनमें आंकड़े और तथ्य थे। उन्होंने कहा, “महंगाई की मार हर आम आदमी पर पड़ रही है, लेकिन सबसे ज्यादा असर हमारे किसानों पर पड़ा है, जो दिन-रात मेहनत कर के हमारी खेती को हरा-भरा रखते हैं।” पंकज मलिक ने गन्ना किसानों की स्थिति पर विशेष ध्यान आकर्षित किया और कहा, “गन्ना किसानों की हालत बेहद चिन्ताजनक हो गई है। इस साल गन्ने का उत्पादन अच्छा होने के बावजूद किसानों को उनका सही मूल्य नहीं मिल रहा है। वे अपना बकाया भुगतान भी नहीं पा रहे हैं। इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।” उन्होंने आगे कहा, “गन्ने का समर्थन मूल्य न तो महंगाई के हिसाब से बढ़ाया गया है, और न ही किसानों की मेहनत का मूल्यांकन किया गया है। वर्तमान में गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि इसे कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए, ताकि किसान अपनी लागत निकाल सकें और अपनी मेहनत का उचित मूल्य पा सकें।” सदन में पंकज मलिक की बातों का असर साफ दिखाई दिया। कुछ सदस्य अपनी सीट से सिर हिलाकर उनके समर्थन में खड़े हुए। विधायक मलिक ने सरकार से अपील की, “मैं सरकार से निवेदन करता हूँ कि गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को शीघ्र अदा किया जाए।” विधायक ने यह भी कहा, “किसान की खुशहाली ही प्रदेश की खुशहाली है, और अगर हम गन्ना किसानों के लिए सही निर्णय नहीं लेते, तो हमारी खेती और किसान संकट में पड़ सकते हैं।”