विधान परिषद में कुछ समय के लिए माहौल शेरो शायरी वाला हो गया। हुआ यह कि नियम 105 के तहत सपा की ओर से दी गई बेराेजगारी के मुद्दे की नोटिस पर चर्चा हो रही थी। सपा की ओर से एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने एक शेर से शुरुआत की और कहा कि… भजनों की बात और न अजानों की बात हो, मरते हुए किसान–जवानों की बात हो मस्जिद की बात हो न शिवालों की बात हो, प्रजा बेरोजगार है पहले निवालों की बात हो जब श्रम मंत्री अनिल राजभर इसका जवाब देने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने भी एक शेर सुनाया। उन्होंने कहा कि… हाथ में जब आइना उठाया करो, पहले खुद देखा करो फिर दिखाया करो… विधान परिषद की कार्रवाई के दौरान कई ऐसे मौके आए जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक की नौबत आ गई। प्रश्नकाल शुरू हुआ तो सपा की ओर से डॉक्टर मान सिंह यादव ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से स्वास्थ्य महकमे से संबंधित सवाल किया कि क्या यूपी के अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है, बीमारियों के रोकथाम के लिए सरकार के पास कौन–कौन सी योजना है? इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में हर दिन लगभग पौने दो लाख लोग आते हैं। किस किस तरह के मरीज आते हैं इसका पूरा आंकड़ा मंत्री ने दिया। अपने अनुपूरक सवाल में मान सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का वेंटीलेटर स्वंंय वेंटीलेटर पर है। इस पर मंत्री ने कहा कि यह सदन मजाक का विषय नहीं है। बीमारी मजाक का विषय नहीं है। बीमारी किसी के साथ लग सकती है। कृपया इश्वर को इस प्रकार का धोखा न दें आप। हमारे पास 25 हजार से अधिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। साढ़े तीन हजार प्राथमिक स्वास्थ्व केंद्र हैं। 950 सामुदायिक स्वास्थ्य हैं। जिला चिकित्सालय करीब 85 है। हमारी पहली सरकार है जो हर दिन आने वाले मरीजों का डाटा इकट्ठा करते हैं। इस पर मान सिंह ने कहा कि आप आंकड़ों की जादुगरी दिखला लीजिए। लेकिन हकीकत यह है कि आपके सरकारी डाक्टर महंगी दवाई लिखते हैं। यह मैं नहीं सुप्रीम कोर्ट कहता है। उन्होंने आगे कहा कि मरीजों के हक के लिए लड़ना अगर आपको मजाक लगता है तो हां मैं मजाक उड़ा रहा है। 2532 डाक्टरों की होगी भर्ती एक अन्य सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कही कि प्रदेश में 2532 डाक्टरों की भर्ती के लिए अधियाचन भेजा गया है। इस पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। सपा के सदस्यों ने लहराई अम्बेडकर की तस्वीर कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर लेकर पहुंचे थे। इसे लेकर सत्ता पक्ष के लोगों ने एतराज़ जताया। सभापति ने भी कहा कि इस तस्वीर को यहां दिखाईये। इस पर सपा सदस्यों ने कहा कि यह हमारे भगवान हैं। इस पर सभापति ने कहा कि अगर सत्ता पक्ष के लोग भी अपने भगवान को यहां लेकर आ जाएंगे तब आप कुछ मत कहिएगा। मंत्री श्वेत पत्र ला दें, मैं इस्तीफा दे दूंगा अपने जवाब में मंत्री राजभर ने कहा कि सपा सरकार में जब पीसीएस के रिजल्ट आते थे एक ही बिरादरी के 56 लोग एसडीएम बन जाते थे। इस पर नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव खड़े हुए और कहा कि मंत्री इस पर श्वेत पत्र ले आएं और अगर यह बात सिद्ध कर दें तो हम सदन से इस्तीफा दे देंगे। मंत्री ने असत्य वाचन किया है। उन्होंने अधिष्ठाता से कहा कि इनसे श्वेत पत्र जारी करा दें, हम उसी दिन विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। टाइपो इरर या जानबूझकर की गई गलती शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जनपद-सिद्धार्थनगर में कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के नाम पर सरकारी धन में हुई अनियमितताओं की जांच के संबंध में मंत्री बाल विकास एवं पुष्टाहार बेबीरानी मौर्य से प्रश्न किया। सरकार की ओर से जो जवाब आया उसमें आंकड़ों में वित्तीय वर्ष को ही उल्टा कर दिया गया। मसलन 2019–20 को 20–2019 लिखते हुए इसी क्रम में 2024 तक के आंकड़े लिखे गए जिस पर ध्रुव कुमार ने आपत्ति दर्ज कराई। सभापति ने इसकी जांच कर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल व डा0 आकाश अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को रिट याचिकायों में पारित आदेशों को दृष्टिगत रखते हुये वेतन दिये जाने के संबंध में सूचना दी। सूचना की ग्राह्यता पर राजबहादुर सिंह चंदेल डा0 आकाश अग्रवाल एवं श्री ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किये। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी जी ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। शिक्षक दल के श्री ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 से नियुक्त आमेलित विषय विशेषज्ञों को शासनादेश दिनांक 28 जून, 2024 का लाभ दिलाये जाने के संबंध में सूचना दी। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी जी ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। विधानपरिषद में भी पारित हुए यह विधेयक धन्यवाद के लिए नहीं बुलाया तो नाराज हो गए लाल बिहारी यादव जब परिषद की कार्रवाई अपने अंतिम दौर में थी, उस समय पहले नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने सबका धन्यवाद दिया और सभी सदस्यों को कुंभ में आकर डुबकी लगाने का न्यौता दिया। आखिर में सभापति मानवेंद्र सिंह ने सबको धन्यवाद दिया। धन्यवाद देने का मौका लाल बिहारी यादव को नहीं मिला तो इस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि सभापति परंपरा को तोड़ रहे हैं। सभापति ने सदन की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।