कानपुर में तीन तलाक का एक अजीब मामला सामने आया। पीड़िता के मायके वालों ने दहेज में कार नहीं दी तो पति ने तीन तलाक दे दिया। पीड़िता के परिवार ने ससुराल वालों की बहुत मिन्नत की, मगर वो नहीं माने। जब पीड़िता को घर से निकाल दिया गया तब उसने कर्नलगंज थाने में तहरीर दी। पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर पति समेत छह ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस के मुताबिक मामले में विवेचना शुरू कर दी गई है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। ईदगाह निवासी सेवानिवृत्त दरोगा मोहीउद्दीन ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी आफरीन का निकाह एक अप्रैल 2021 को झांसी मऊरानीपुर निवासी मोहम्मद साहब से की थी। शादी में उन्होंने 25 लाख रुपये खर्च किया था। आरोप है कि शादी के बाद सास रुखसाना बेगम और ननद सबा निहाल, सैफाली आदि ने कार और अन्य दहेज की मांग को लेकर ससुरालीजन उसे आए दिन प्रताड़ित करते थे। कार देने का बनाया दबाव मोहीउद्दीन के मुताबिक ससुराल वाले नई कार की मांग कर रहे थे। पैसे न होने पर वो फिर भी दबाव बना रहे थे। मजबूरी में आकर दो मार्च को दरोगा ने कार को फाइनेंस करा दी। बेटी के ससुराल वालों ने आपत्ति जताई कि उनके नाम कार क्यों नहीं दी। मोहीउद्दीन ने कहा कि उन्होंने कार फाइनेंस करवाई है पूरी किश्तें अदा होते ही वह उसके नाम करवा देंगे। फिर भी पति नहीं माना और तीन तलाक दे दिया।