महाकुंभ और माघ मेला के दौरान आवारा कुत्ते श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होते हैं। उनसे निपटने के लिए लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। खासतौर पर कल्पवास के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक दिक्कत होती है। कई बार यह आवारा कुत्ते खाने की चाहत में कई लोगों को अपना शिकार तक बना देते हैं। इस समस्या को देखते हुए नगर निगम प्रशासन की तरफ इस बार मेलाक्षेत्र के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। मेला क्षेत्र के पास ही ऐसे आवारा कुत्तों से लोगों को बचाने के लिए सेल्टर होम तैयार कराया जा रहा है। मेले में भी चलेगा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान
मेला क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पड़ने के लिए नगर निगम की तरफ से विशेष अभियान चलाया जाएगा। नगर निगम के पशुधन अधिकारी डा. विजय अमृत राज ने बताया कि मेला में आवारा कुत्तों से लोगों को बचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिससे उनको पकड़ा जा सके और लोगों को मुसीबत से बचाया जा सके। इन पकड़े गए कुत्तों को रखने के लिए अलग से सेल्टर होम बनाया जाएगा। इस सेल्टर होम में 300 कुत्तों को रखने की व्यवस्था होगी। इसमें आवारा कुत्तों के खाने-पीने के साथ ही उनके टीकाकरण, बधियाकरण आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिससे उनको नियंत्रित किया जा सके और मेले में आने वाले लोगों को इस समस्या से बचाया जा सके। सेल्टर होम का निर्माण मेला क्षेत्र में अरैल, नैनी की तरफ किया जा रहा है। पूरे मेला क्षेत्र में अभियान चलाकर ऐसे आवारा कुत्तों को पकड़ा जाएगा और उनको मेला तक यहीं लाकर रखा जाएगा। बड़े आवारा जानवरों के लिए हर घाट पर होगा बाड़ा
मेले के दौरान कई अन्य बड़े आवारा पशु भी लोगों की मुसीबत का कारण बनते है। इस समस्या से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए संगम, फाफामऊ और झूंसी में अलग से बाड़ा बनाया जाएगा। जिससे उनको यहां पर रखा जा सके। इसके निर्माण से लोगों को आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिलेगी। इसका निर्माण एक जनवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे मेला शुरू होने के पूर्व ही इनको नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई शुरू हो सके।