संतकबीरनगर के मेंहदावल ब्लॉक के ग्राम पंचायतों में करीब 200 सरकारी नलों के रिबोर के नाम पर सरकारी धन की गोलमाल के मामले में बीडीओ राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कड़ा कदम उठाते हुए एडीओ पंचायत को तलब किया और नल रिबोर में निकाली गई पुरानी पाइपों के मामले में जांच करने का आदेश दिया है। बड़ा घोटाला सामने आया मेंहदावल ब्लॉक में हैंडपंप मरम्मत व रिबोर के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां प्रधान और सचिव की मिलीभगत से लाखों रुपये की सरकारी रकम का भुगतान तो किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर हैंडपंपों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। पेयजल के लिए ग्रामीण परेशान हैं, जबकि मरम्मत और रिबोर के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट जारी है। रिबोर में अनियमितताएं इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत में आने वाली लागत से दोगुना रकम का भुगतान किया जा रहा है। हैंडपंप की मरम्मत में ग्लास, वाॅशर, सरिया, चेन, और हत्था जैसी सामग्री 7200 रुपये में मिल जाती है, जबकि एक हैंडपंप की मरम्मत के लिए 14,800 से 19,500 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है। रिबोर के दौरान पूरी सामग्री बदलने पर 23,000 से 25,000 रुपये खर्च होते हैं, जबकि भुगतान 32,000 से 54,000 रुपये तक किया जा रहा है। जेई ने भी मानी धांधली ब्लॉक में तैनात जल निगम के जेई ने भी माना कि रिबोर में धांधली हो रही है। उन्होंने बताया कि अधिकांश सामग्री पुरानी ही इस्तेमाल की जाती है, सिर्फ मशीन को नया लगाया जाता है। बीडीओ ने किया जांच का आदेश इस मामले में खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि नल बोर व मरम्मत के नाम पर धांधली करने की शिकायत प्रतिदिन कार्यालय पर आ रही है। इस मामले को लेकर जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।