संभल में हुई हिंसा के मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। जेल में बंद 20 आरोपियों की जमानत याचिका पर आज एडीजे कोर्ट में सुनवाई हुई। आरोपी पक्ष के वकीलों ने एक बार फिर स्थगन की मांग की, जो इस मामले में चौथी बार की गई है। जनपद संभल की कोतवाली चंदौसी क्षेत्र में स्थित जिला न्यायालय में एडीजे निर्भय नारायण राय ने इस बार-बार के स्थगन से नाराजगी जताते हुए आरोपियों के वकीलों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में यदि आरोपी पक्ष के अधिवक्ता अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो जमानत याचिका पत्रावलियों का तत्काल निस्तारण कर दिया जाएगा। संभल हिंसा के जेल में बंद आरोपियों की जमानत की सुनवाई को लेकर सुरक्षा के खड़े इंतजाम किए गए। जामा मस्जिद के सदर जफर अली एड. और आरोपियों के अन्य अधिवक्ताओं ने स्थगन के लिए साक्ष्य पूर्ण न होने का कारण बताया। गिरफ्तार सभी आरोपी जेल में बंद हैं और अब तक किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिली है। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता जफर अली ने कहा कि आज करीब 20 वेल लगी हुई थी जिसमे अभी कोई तैयारी नही हो सकी थी कुछ दस्तावेज बहस के वक़्त अदालत में दाखिल करने थे जो हमे अभी उपब्ध नही हो पाए हैं इसलिए हमने स्थगत कर दिया पूरी तरह से तैयारी नहीं हो पा रही है। सीडी ऑफिशल यहां आती है हमें कोई सीडी अभी मिल नहीं पा रही है उसकी वजह से पूरी तैयारी नहीं कर पाए हैं। सरकारी अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने कहा कि पहले जो मुल्जिमान के अधिवक्ता थे वह लगातार आरोप लगा रहे थे कि प्रशासन द्वारा माननीय न्यायालय में केस डायरी नहीं भेजी जा रही है, लेकिन माननीय न्यायालय में लगातार केस डायरी है। अब मुल्जिमान के अधिवक्ता अपना स्थगन पत्र देकर लगातार बहस से भाग रहे हैं। जिसका पुरजोर विरोध माननीय न्यायालय में हमारे द्वारा किया गया है यह बहस लगातार भाग रहे हैं। माननीय न्यायालय द्वारा भी हमारी बात को सुना गया, आज 20 पत्रावली पर सुनवाई होनी थी लेकिन उनके अधिवक्ताओं द्वारा स्थगन पत्र प्रस्तुत किया।
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