आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने सदन में कहा कि इस सरकार में नौजवानों के साथ अन्याय हो रहा है। सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि जब मण्डल आयोग की सिफारिश लागू की गयी थी। तब सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन को आधार बनाया गया था। मण्डल आयोग की सिफारिश व इसी सदन में पारित कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए 2014 से अब तक देश के 150 से अधिक IAS अधिकारी,जो अपनी मेहनत व लगन से upsc की परीक्षा में सफल हुए। इसके बावजूद भी उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। 1993 में मण्डल आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद d.o.p.t. कार्यालय से जो ज्ञापन जारी किया गया। उसमे कहा गया कि चयनित अभ्यर्थी के माता-पिता की आय व कृषि आय को क्रीमी लेयर की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। परन्तु इन दोनों आय को जोड़ने से 2014 से अब तक 150 से अधिक अभ्यर्थी सड़कों पर घूम रहे हैं। कई कोर्ट के फैसलों के बाद भी नहीं मिला न्याय मद्रास उच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय व केरल उच्चन्यायालय सहित तमाम फैसलों के बावजूद सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय व कानून मंत्रालय की सिफारिश के बाद d.o.p.t. मंत्रालय स्वीकार नहीं कर रहा है। सदन में पारित किये गए कानून को तानाशाही तरीके से लागू नही किया जा रहा है। बसन्त कुमार नाम का एक अभ्यर्थी रक्षा मंत्रालय के ऑडिट सेवा में 2023 की IAS की परीक्षा में जिस आय प्रमाण पत्र के आधार पर 47 वीं रैंक पाकर सफल हुआ। उसी के आधार पर उस जैसे सैकड़ो उत्तीर्ण अभ्यर्थी सड़कों पर घूम रहे हैं। हम आपके माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि देश की सबसे बड़ी पंचायत में पारित कानून को लागू करके ऐसे लोगों से साथ अतिशीघ्र न्याय किया जाए।