Drishyamindia

सबक सिखाने के लिए जेलर के हाथ-पैर तोड़े:झांसी जेल में पिता से हॉट-टॉक हुई, बेटों ने बदला लिया, अब हिस्ट्रीशीटर का दूसरा बेटा रडार पर

Advertisement

झांसी में जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर प्राण घातक हमला सबक सिखाने के लिए किया गया था। गुरुवार शाम को मुठभेड़ में गोली लगने से घायल आरोपी सुमित यादव ने पुलिस पूछताछ में हमले के पीछे की वजह स्पष्ट कर दी है। उसने पुलिस को बताया- “मेरे पिता हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव झांसी जेल में 2019 से बंद थे। दो साल पहले कस्तूरी लाल गुप्ता जेलर बनकर आए। पहले उनसे कोई परेशान नहीं थी। मगर, कुछ समय से वे उत्पीड़न करने लगे थे। विरोध करने पर पिता से हॉट-टॉक हो गई थी। 10 नवंबर को पिता को हमीरपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। वहां भी हालत नहीं सुधरे। तब जेलर से बदला लेने की साजिश बनाई और 14 दिसंबर को घेराबंदी करके जेलर के हाथ-पैर तोड़ दिए।” सुमित को मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया है। उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। दूसरा बेटा भी पुलिस की राडार पर हमले में नामजद सुमित का भाई अमित यादव और उसके दो दोस्त फरार है। मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद अब अमित और दो दोस्त भी पुलिस की राडार पर आ गए हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं। जांच में सामने आया है कि हमले से पहले दोनों बेटों ने हमीरपुर जेल जाकर पिता से मुलाकात की थी। 7 दिसंबर को सुमित और अमित पिता से मिले थे। इसके बाद 11 दिसंबर को कमलेश से उसकी पत्नी सुमित्रा, बेटे सुमित और पुलिया नंबर- 9 में रहने वाले बलवीर ने जेल में मुलाकात की थी। हमले के बाद चारों अलग-अलग हो गए थे फरार गिरफ्तार आरोपी सुमित यादव ने बताया कि घटना में उसके साथ छोटा भाई अमित यादव और पुलिया नम्बर 9 में रहने वाले उसके दो और साथी शामिल थे। हमला करने के बाद वह कार से घर गए और घटना की सूचना देने के बाद चारों मोबाइल फोन बंद कर अलग-अलग हो गए। फरारी के दौरान वह मथुरा, दिल्ली और राजस्थान गया था। इसके बाद वह दोस्त से मिलने के लिए पुलिस से छिपते हुए झांसी आया था। गुरुवार शाम को वह सुकुवां-ढुकुवां कॉलोनी के पास जंगल में दोस्त का इंतजार कर रहा था। तभी पुलिस ने दबिश दी। उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जबावी फायरिंग में सुमित के पैर में गोली गली थी। पुलिस ने उससे तमंचा, कारतूस और बिना नंबर की बाइक बरामद की है। सुमित पर 20 हजार रुपए का इनाम रखा गया था। कानपुर के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है कार हमले में प्रयुक्त कार पुलिस अभी बरामद नहीं कर सकी, लेकिन उसका नंबर मिलने के बाद जांच की तो पता चला कि कार कानपुर के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस ने बताया कि आरोपी लोगों को ब्याज पर पैसा देकर उनका सामान गिरवीं रखने का काम करते हैं। उन्होंने कार मालिक को ब्याज पर रुपए देकर कार को गिरवी रखा था। सुमित के साथ पहले भी अपराध में शामिल रहे साथी सुमित यादव और अमित यादव के साथ घटना में दो अज्ञात युवक भी शामिल हैं, जिनको पुलिस ने चिह्नित तो कर लिया है, लेकिन नाम का खुलासा नहीं किया है। बताया गया है कि इससे पहले सुमित मारपीट और अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है, जिसमें अज्ञात आरोपी भी शामिल रहे। पुलिस ने अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की बात कही है। ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जा रहे थे जेलर जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता की हैदराबाद में 16 से 20 दिसंबर तक जेल सुधार को लेकर ट्रेनिंग थी। उसमें हिस्सा लेने जेलर 14 दिसंबर को हैदराबाद जा रहे थे। वह ऑटो से स्टेशन जा रहे थे। साथ में जेल वार्डर अर्जुन सिंह भी था। जब उनका ऑटो दोपहर 12.15 बजे डीआरएम ऑफिस के पास पहुंचा, तो सफेद रंग की एक कार ऑटो के आगे आकर खड़ी हो गई। इससे ऑटो रुक गया। कार से हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के बेटे सुमित यादव और अमित यादव अपने दो साथियों के साथ नीचे उतरे। चारों ने गाली गलौज करते हुए ऑटो से जेलर और जेल वार्डर को बाहर खींच लिया। फिर जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। हमले के बाद चारों कार से भाग गए। हमले में जेलर का हाथ फ्रैक्चर हो गया था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े