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”साहब का खास आदमी हूं” बताकर ठग लिए 5 लाख:रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर की धोखाधड़ी, रेल कर्मी पर केस दर्ज

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पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर में तैनात प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी (PCSO) का खास होने का दावा कर एक रेलकर्मी ने नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से 5 लाख रुपये ठग लिए। मनीष यादव नाम के इस कर्मचारी ने खुद को अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा के बंगले पर कार्यरत बताया था। उसने बेलीपार थानाक्षेत्र के महावीर छपरा निवासी विनोद कुमार से नौकरी दिलाने का भरोसा देकर पैसे ले लिए। बाद में फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया। नियुक्ति पत्र लेकर जब विनोद PCSO कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगा गया है। इसके बाद उन्होंने कैंट थाने में केस दर्ज कराया है। नौकरी की तलाश में जुटे विनोद कुमार की मुलाकात खोराबार के रहने वाले मनीष यादव से हुई थी। उसने खुद को PCSO के बंगले पर चपरासी के रूप में तैनात बताया था। यह भी भरोसा दिलाया कि वह अपने साहब का काफी करीबी है। कई लोगों की नौकरी लगवा चुका है। मनीष ने विनोद ने 5 लाख रुपये की व्यवस्था करने को कहा। उसने कहा कि वह चतुर्थ श्रेणी में नौकरी दिलवा देगा। पहले अधिकारी के बंगले पर ले गया
विनोद ने बताया कि मनीष उसे लेकर PCSO के बंगले पर गया था। उसने बताया कि साहब का यही बंगला है और वह यहीं नौकरी करता है। उसने बताया कि PCSO उसपर बहुत विश्वास करते हैं। वह नौकरी जरूर लगवा देगा। विनोद का कहना है कि उसने मनीष पर विश्वास कर लिया और मां के गहने बेचकर नौकरी की लालच में 10 मई 2024 को नकद 5 लाख रुपये उसे दे दिए। पैसे लेने के बाद मांगा मार्कशीट व अन्य प्रपत्र
मनीष ने उसे विश्वास दिलाने के लिए कहा कि साहब से बात हो गई है। नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मार्कशीट, आधार कार्ड, पैन कार्ड व फोटो आदि चाहिए। विनोद ने सभी प्रपत्र उपलब्ध करा दिए। इसके बाद वह मनीष के पीछे दौड़ता रहा।
10 सितंबर को फिर बंगले पर बुलाया
मनीष ने विनोद को 10 सितंबर को फिर PCSO के बंगले पर बुलाया। वहां कई कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए। दिनभर वहां बैठाए रहा और शाम 5 बजे एक नियुक्ति पत्र देते हुए कहा कि बधाई हो तुम्हारी नौकरी लग गई। साथ ही उसने किसी को न दिखाने की हिदायत भी दी। उसने कहा कि कुछ प्रक्रिया बाकी है। ज्वाइनिंग 1 अक्टूबर 2024 को होगी। विनोद जब ज्वाइन करने पहुंचा तो क्या हुआ
नियुक्ति पत्र लेकर विनोद PCSO के कार्यालय पहुंचा। वहां कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिखाकर ज्वाइन कराने को कहा तो उसे पता चला कि यह नियुक्ति पत्र ही फर्जी है। इसके बाद उसे ठगे जाने का एहसास हुआ। विनोद का आरोप है कि पैसे वापस मांगने पर मनीष उसे गालियां देने लगा और धमकी भी दी। घर जाने पर पता चला कि वह लड़की लेकर फरार है और बिहार में रह रहा है।

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