सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा हर वर्ष दिए जाने वाले स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान की घोषणा शनिवर को हो गई। सत्र 2023-24 के लिए कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा ने घोषणा की। उन्होंने अपने अध्यक्षता वाली कमेटी में दोनों सत्रों के लिए दो विद्वानों का नाम नामित करते हुए घोषणा कर दी। इसमें बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म संकाय के पूर्व एचओडी डॉ विन्ध्येश्वरी प्रसाद मिश्रा और संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी का नाम है। करपात्री स्वामी पुरस्कार का हुआ एलान
धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में संस्कृत,अध्यात्म एवं भारतीय संस्कृति में वैश्विक पटल पर अतुलनीय योगदान देने विद्वानों चयन स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023-24 की घोषणा हो गई। यह घोषणा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में निर्मित समिति के द्वारा कर दिया गया है। जिसमें दोनों वर्षों के लिये क्रमशः एक- एक विद्वानों को नामित किया गया है। इसमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी के अखिल भारतीय के वेदांत के उद्भट विद्वान प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी को दिया जाएगा। सबसे पहले जानिए कौन है बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म संकाय के पूर्व एचओडी प्रोफेसर विन्ध्येश्वरी प्रसाद मिश्रा… सृजति शंखनादं किल के लिए मिलेगा पुरस्कार
वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र को स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023 के लिए नामित किया गया है। संस्कृत साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए उनकी कृति सृजति शंखनादं किल चुनी गई है। प्रो विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे हैं। कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं कवी और लेखक प्रोफेसर विन्ध्येश्वरी मिश्रा
प्रोफेसर मिश्रा डॉ. हरि सिंह विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय में दो दशक से अधिक अध्यापन के बाद वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के पद पर वर्ष 2006 से वर्ष 2021 तक सेवाएं दी। प्रोफेसर मिश्रा संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी संस्कृत-हिंदी में 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अब जानिए कौन हैं संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी … संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यायल,वाराणसी के वेदांत शास्त्र के उद्भट विद्वान एवं दर्शन संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष के प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी को स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान पुरस्कार वर्ष 2024 के लिए नामित किया गया है। प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे हैं। कार्यवाहक कुलपति का निभा चुके है कार्यभार, निपुण कवि
प्रोफेसर त्रिपाठी संस्कृत विश्वविद्यालय से ही माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत विश्वविद्यालय में वेदांत विभाग एवं दर्शन संकाय के क्रमशः विभागध्यक्ष, संकायध्यक्ष, अनुसन्धान निदेशक, कार्यवाहक कुलपति व कार्यपरिषद, विद्यापरिषद के सदस्य एवं कुलसचिव के दायित्वों का निर्वहन कर चुके है। प्रोफेसर त्रिपाठी संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं। कई देशों में दिया है व्याख्यान
प्रोफेसर त्रिपाठी द्वारा भारतीय संस्कृति एवं वेदांत दर्शन का प्रसार अखिल भारतीय स्तर के साथ-साथ विदेशों में भी अनेकों देशों मे कर चुके हैं। आपने हाल के आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान वहां के विभिन्न शहरों में स्थापित संस्कृत एवं वैदिक ज्ञान केंद्रों में वहां के आमंत्रण पर अभी कुछ माह पूर्व ही संस्कृत भाषा एवं वेदांत दर्शन के विभिन्न आयामों पर चर्चा कर अंअंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता प्राप्त कर इस विश्वविद्यालय का नाम वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठित किया। प्रो. त्रिपाठी के द्वारा वेदांत शास्त्र पर की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं जिसके लिए उतर प्रदेश संस्कृत संस्थान सहित देश विदेश से अनेकों पुरस्कारों एवं सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।