झांसी में जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर प्राण घातक हमला करने से पहले अमित और सुमित यादव ने हमीरपुर जेल में अपने हिस्ट्रीशीटर पिता से मुलाकात की थी। दोनों ने 7 दिन में दो बार पिता कमलेश यादव से मिले थे। यहां तक हमले से दो दिन पहले भी वे जेल में पिता से मिलकर आए थे। इससे हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। घटना के बाद 72 घंटे बीत चुके हैं, मगर पुलिस 4 में से एक भी आरोपी को अरेस्ट नहीं कर पाई है। इधर, जेलर को इलाज के लिए लखनऊ रेफर कर दिया गया। 7 और फिर 11 दिसंबर को की थी मुलाकात जेलर पर हमले के बाद जांच में जुटी पुलिस को कई अहम जानकारी मिली हैं। हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव झांसी जेल में बंद था। मगर, वो जेल के अंदर ही गैंग बनाने लगा था और उसकी गतिविधियां संदिग्ध हो गई थी। ऐसे में उसे 10 नवंबर को हमीरपुर जेल में शिफ्ट कर दिया था। हमले के बाद उससे मिलने वाले लोगों का ब्योरा खंगाला गया। सामने आया कि 7 दिसंबर को सुमित और अमित ने हमीरपुर जेल में अपने पिता कमलेश से मुलाकात की थी। इसके बाद 11 दिसंबर को कमलेश की पत्नी सुमित्रा, बेटे सुमित और पुलिया नंबर 9 निवासी बलवीर ने जेल में मुलाकात की थी। दो दिन बाद 14 दिसंबर को हिस्ट्रीशीटर के दोनों बेटे सुमित व अमित ने जेलर पर हमला कर दिया था। खुफिय विाभाग के पास था इनपुट वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि खुफिया विभाग व प्रशासन को इनपुट मिला था कि बदमाश जेल में गिरोह बनाकर किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने जेल निरीक्षण के दौरान शातिर अपराधियों को अलग-अलग जेल में शिफ्ट करने की कही थी। इसके बाद कमलेश यादव समेत 5 अपराधियों को दूसरे जनपदों की जेल में शिफ्ट करा दिया था। इस घटना के बाद से ही बदमाश जेलर से खुन्नस रखने लगे थे। एक भी आरोपी अरेस्ट नहीं झांसी में जिला जेल के जेलर पर हमला करने वाले हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के दोनों बेटों सुमित और अमित को नामजद कर लिया है। उनके साथ दो अज्ञात बदमाश भी हमले में शामिल थे। जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता की तहरीर पर नवाबाद थाने में चारों के खिलाफ रास्ता रोककर हत्या की कोशिश करने, गाली गालौच व सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज किया गया है। पुलिस हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव की भूमिका की भी जांच कर रही है। ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जा रहे थे जेलर जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पिछले दो साल से झांसी में तैनात हैं। हैदराबाद में 16 से 20 दिसंबर तक जेलर कस्तूरी गुप्ता की जेल सुधार को लेकर ट्रेनिंग थी। उसमें हिस्सा लेने के लिए जेलर शनिवार को हैदराबाद जा रहे थे। वे ऑटो में सवार होकर स्टेशन जा रहे थे। साथ में जेल वार्डर अर्जुन सिंह भी था। जब उनकी ऑटो दोपहर 12:15 बजे डीआरएम ऑफिस के पास पहुंची तो सफेद रंग की कार ऑटो के आगे आकर खड़ी हो गई। इससे ऑटो रुक गया। कार से हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के बेटे सुमित यादव और अमित यादव अपने दो साथियों के साथ नीचे उतरे। चारों ने गाली गलौच करते हुए ऑटो से जेलर व जेल वार्डर को बाहर खींच लिया। फिर जान से मारने की नियत से हमला कर दिया। हमले के बाद चारों कार से भाग गए। हमले में जेलर का हाथ फ्रैक्चर हो गया था। हिस्ट्रीशीटर कमलेश पर दर्ज हैं 38 केस प्रेमनगर के पुलिया नंबर 9 निवासी कमलेश यादव हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। पुलिस के अनुसार, उसके ऊपर हत्या, लूट, डकैती समेत अन्य कई धाराओं में 38 मुकदमें विभिन्न थानों में दर्ज हैं। पिछले डेढ़ साल से वह जेल में बंद है हालांकि अभी तक उसे किसी मामले में सजा नहीं सुनाई गई। मामले में एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगातर दबिश दे रही हैं, लेकिन अभी तक वह पकड़ में नहीं आ सके हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।